शिक्षा को समाज एवं राष्ट्र के नव-निर्माण में लगाएं:आलेरकर
मुंगेर विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह
70 गोल्ड मेडलिस्ट छात्र—छात्राओ को कुलाधिपति ने प्रदान की डिग्री
सज्जन कुमार गर्ग
मुंगेर। बिहार के कुलाधिपति सह राज्यपाल विश्वनाथ आलेरकर ने कहा कि आज भारत को विश्व गुरु बनाने की बात हो रही है, लेकिन सिर्फ कहने से विश्व गुरु नहीं बनेगा, बल्कि अपने विचारों को बदलना होगा और उसी दिशा में काम करना होगा। वे मुंगेर विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह के संबोधित कर रहे थे। वे इस समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे।कुलाधिपति, संपूर्णानंद संस्कृत विश्विविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो राजाराम शुक्ल, कुलपति डॉ श्यामा राय और अन्य अतिथियों ने संयुक्त् रूप से दीप प्रज्ज्वलित दीक्षांत समारोह का विधिवत रूप से कार्यक्रम का उदघाटन किया। उन्होंने 70 गोल्ड मेडलिस्ट छात्र—छात्राओ को डिग्री प्रदान की। दीक्षांत समारोह में 795 छात्र छ़ात्राओं को डिग्री दी गयाी।
उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह का हमारे जीवन में काफी महत्व है। यह विश्वविद्यालय की प्रगति का द्योतक है।आपके विश्व विद्यालय में पिछले पांच वर्षों में जो प्रगति हुई है। इसका कारण आप सभी विद्यार्थी हैं। विद्यार्थी मित्र, छात्र मित्र के कारण ही यह विश्वविद्यालय प्रगति के पथ पर अग्रसर है। आपने सब ने बहुत मेहनत करके यहाँ के शिक्षा को अपनी ओर खींच लिया है। यहाँ के आचार्यगण ने निश्चित रूप से मेहनत की है, लेकिन अगर आप इसको आत्मसात नहीं कर पाते, तो विश्वविद्यालय आगे नहीं बढ़ पाता। आप सबको मैं बधाईयाँ देता हूँ, आप सबका मैं अभिनंदन करता हूँ।
उन्होंने कहा कि यह दीक्षांत समारोह है, आज आप सबको दीक्षा दी गयी है। लेकिन यह शिक्षा का अन्त नहीं है, बल्कि यह एक नई शुरुआत है। आगे समाज किस दिशा में जा रहा है, हमें किस दिशा में जाना है, इस पर विचार करने की आवश्यकता है।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आने वाला समय आपके लिए राह चुनने वाला समय है।आपको किस दिशा में जाना है? कैसी शिक्षा प्राप्त करनी है?आप एक चौराहे पर खड़े हैं। समाज में आगे जाकर कोई आपकी डिग्री या आपका प्राप्तांक नहीं पूछेगा। आप समाज में लोगों के साथ किस प्रकार का बर्ताव करते हैं, इसको महत्व दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमारे सामने अगर कोई प्रश्न है, तो हमारे सामने उसका उत्तर और समाधान भी होने चाहिए। मैं स्नातकोत्तर होकर नौकरी ढूँढने जाऊँ, तो कहाँ नौकरी मिलेगी ? नौकरी देने वालों का कुछ नियम होता है और उनकी कुछ मर्यादाएं होती हैं। वे सभी को नौकरी देने वाले होते हैं, ऐसा नहीं है। नौकरी देने वालों के मन में इच्छा होती है सबों को नौकरी देने की, लेकिन उसके पीछे मर्यादाएं होती हैं। वे चाहकर भी सबों को नौकरी नहीं दे पाते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे सामने मुख्य प्रश्न है कि आगे समय में चलकर हम नौकरी माँगने वाले बनकर जाएंगे या नौकरी देने वाले बनकर जाएंगे। हमें नौकरी देने वाले बनना चाहिए। इसके लिए क्या प्रयास करना है। इस पर विचार करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि आप सब यहाँ आये है डिग्री लेकर जाने के लिए। परन्तु यह डिग्री जो है, यह कागज़ जो है, इसका उपयोग मर्यादित रूप में है। आप किस दिशा में काम करेंगे, यह आपका भविष्य बनाएगा। मुझे आशा है और यह आग्रह भी है आप सबसे कि आपनी शिक्षा का उपयोग किस दिशा में करेंगे, इस पर आज से विचार करें- अपनी शिक्षा को समाज एवं राष्ट्र के नव-निर्माण में लगाएं।
उन्होंने कहा कि लोगों के प्रति उनका व्यवहार मर्यादित होना चाहिए। उन्हें अपनी शिक्षा का उपयोग समाज के हित में करना चाहिए तथा नौकरी की तलाश करने के बजाए रोजगार का सृजन करने वाला बनना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 विद्यार्थियों को इस हेतु सक्षम बनाने में उपयोगी है।
हमने इस देश का 77वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाया। हमारी स्वतंत्रता के 76 वर्ष हो चुके हैं। आज हम सबको चिन्ता है कि देश को किस दिशा में ले जाने के लिए हमने शिक्षा प्राप्त की है। हम कहाँ जाएंगे, क्या करेंगे। पिछले कई वर्षों से शिक्षा की जो नीति चल रही थी। वह मै काले की औपनिवेशिक शिक्षा-नीति चल रही थी। वह शिक्षा-नीति हमको नौकर बनाने वाली, हमें नौकरी माँगने वाला बनाने वाली नीति थी। हम डिग्री लेकर बाहर जाते हैं कि हमको नौकरी दे दो। हमें बस नौकरी चाहिए। लेकिन पुरानी शिक्षा नीति में हम नौकरी देने वाले बन नहीं सकते।
उन्होंने कहा कि सौभाग्य से देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 लागू हुई है। यह नीति हमें नौकरी देने वाला बनाती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति चाहती है हमको यह प्राप्त करना है। हमारी युवा पीढ़ी को किस दिशा में प्रगति करनी चाहिए,उसको लेकर यह शिक्षा नीति बनाई गई है।
अपने संबोधन में आत्मनिर्भरता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नौकरी सभी लोगों को नहीं मिल पाती है। हमारी शिक्षा नीति में यह सिखाया जाता है कि तुम डिग्री लेकर किसी की नौकरी करो, लेकिन यह देश के हित में नहीं है। हमें अगर अपने देश को विश्व गुरु बनाना है, तो हम सभी को नौकरी के साथ-साथ रिसर्च करनी होगी. आत्मनिर्भर बनना होगा. जिससे कि जो अपना टैलेंट है, वह उससे और निखारें।
उन्होंने कहा किविकसित भारत 2047 का उद्देश्य आजादी के 100वें वर्ष यानी वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। यह दृष्टिकोण आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन सहित विकास के विभिन्न पहलुओं को सम्मिलित करता है। उन्होंने कहा कि,,मुझे विकसित भारत के हमारे सपने को साकार करने के लिए भारत की युवा शक्ति पर पूर्ण विश्वास है।
उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत एक अग्रणी राष्ट्र के रूप में उभरेगा और दुनिया हमारे नेतृत्व के लिए तैयार होगी, लेकिन यह हम पर निर्भर करता है कि हम दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार रहें। राष्ट्र मंडल और विश्व समुदाय में विकास और शासन के अधिकांश महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हमसे संकेत लिया जाएगा।
वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो राजाराम शुक्ल ने छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आज का दिन छात्रों के जीवन में महत्वूपर्ण है। दीक्षा प्राप्त कर जिन्दगी की नई शुरूआत करने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में शिक्षक केवल शास्त्र ज्ञान ही नहीं देता था, बल्कि गुरुकुल में छात्र के चरित्र का भी निर्माण करता था। आज जरूरत इस बात की है कि शिक्षक को जिस कार्य के लिए वेतन मिलता है उसे पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ संपादित करें, क्योंकि किसी भी राष्ट्र की प्रगति में शिक्षा और शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
मुंगेर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो श्यामा राय ने कुलाधिपति का स्वागत किया और कहा कि आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है।उन्होंने सभी छात्रों को शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का संचालन मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम का आरंभ राष्ट्रगान और कुलगीत से हुआ। इससे पूर्व विद्वत शोभायात्रा स्वास्ति वाचन के बीच निकली गयी, जिसमें विश्वविद्यालय के तमाम पदाधिकारी, संकायघ्यक्षों ने हिस्सा लिया। इससे पूर्व कुलपधिपति को गार्ड आफ बिहार पुलिस के द्वारा दिया गया। समारोह मेंं मुंगेर के प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह,पुलिस उप महानिरीक्षक संजय कुमार, मुंगेर के जिला पदाधिकारी अवनीश कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी, सूचना जन संपर्क के उपनिदेशक दिलीप कुमार देव सहित अन्य प्रशासनिक पदाधिकारी उपस्थित थे।