साजिश या चोरी? मौके पर रेल पुलिस व RPF की जांच जारी
गोपाल शर्मा
झारखंड/ साहिबगंज।
मालदा रेल मंडल : कल्याणचक रेलवे स्टेशन के निकट बुधवार की सुबह एक बड़ी रेल दुर्घटना टल गई। पोल संख्या 198/34 और 198/37 के बीच रेलवे ट्रैक से 25 से 30 पेंड्रोल क्लिप अज्ञात असामाजिक तत्वों द्वारा निकाल दिए गए थे। यह वही स्थान है जहाँ से प्रतिदिन कई यात्री गाड़ियाँ गुजरती हैं। प्राथमिक जानकारी के अनुसार, घटना देर रात की बताई जा रही है। यदि समय पर स्थिति का पता न चलता, तो बड़ा हादसा निश्चित था।

गौरतलब है कि उस समय हावड़ा इंटरसिटी एक्सप्रेस इसी ट्रैक से गुजरने वाली थी। हालांकि, सतर्कता के कारण ट्रेन को करीब 50 मिनट तक रोककर सुरक्षा परीक्षण किया गया और संभावित दुर्घटना से सैकड़ों यात्रियों की जान बच गई।
कीमैन की सूझबूझ से बचीं सैकड़ों जानें
सुबह करीब 6 बजे ट्रैक निरीक्षण के दौरान कीमैन की नजर खुले पड़े पेंड्रोल क्लिप पर पड़ी। स्थिति समझते ही उसने आगे तक पैदल ट्रैक की जांच की, जहाँ एक बड़ी संख्या में क्लिप एक साथ बिखरे मिले। कीमैन ने तत्काल सूचना कल्याणचक स्टेशन मास्टर को दी, जिसके बाद पूरे मंडल में हड़कंप मच गया।

मौके पर अधिकारी पहुँचे, जांच तेज
घटना की जानकारी मिलते ही आरपीएफ व रेलवे प्रशासन सक्रिय हो गया।
आरपीएफ डीएससी असीम कुमार कुल्लू और आरपीएफ कमांडेंट गुलाम सरवर दल-बल के साथ मौके पर पहुँचे और क्षेत्र को घेराबंदी कर जांच शुरू की।
अधिकारियों ने बताया कि—
“प्रथम दृष्टि में मामला चोरी का प्रतीत होता है, लेकिन बड़े रेल हादसे की साजिश की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। खुफिया निगरानी लगा दी गई है और जल्द ही सच्चाई का खुलासा किया जाएगा।”
क्या है पेंड्रोल क्लिप और इसका महत्व
पेंड्रोल क्लिप, जिसे रेल पटरी की ‘चाबी’ भी कहा जाता है, ट्रैक को स्थिर रखने का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके हटते ही ट्रैक ढीला, असंतुलित या विस्थापित हो सकता है, जिससे ट्रेन पटरी से उतरने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
रेल प्रशासन अलर्ट, निगरानी बढ़ाई गई
घटना की गंभीरता को देखते हुए संबंधित सेक्शन में गश्ती बढ़ा दी गई है। अधिकारियों ने आसपास के ग्रामीण इलाकों और संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान के लिए स्थानीय पुलिस से भी सहयोग मांगा है।
रेलवे ने अपील की है कि कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत आरपीएफ, जीआरपी या स्टेशन मास्टर को सूचना दें।
संभावित सवाल जिनकी जांच होगी
- क्या यह बड़े हादसे की सोची-समझी साजिश थी?
- क्या ट्रैक सामग्री चोरी कर बेचने वाला गिरोह सक्रिय है?
- क्या क्षेत्र में पहले भी ऐसे प्रयास हुए हैं?
