गोपाल शर्मा
झारखंड/ पाकुड़।
उपायुक्त मनीष कुमार के निर्देशानुसार गुरुवार को पूरे जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में आदि कर्मयोगीअभियान एवं प्रोजेक्ट बचपन के तहत “आंगन से आंगनबाड़ी अभियान” के अंतर्गत बाल भोज सह जन्मोत्सव कार्यक्रम उत्साहपूर्वक मनाया गया।

जिले के सभी प्रखंडों में आयोजित कार्यक्रम में सीडीपीओ, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी, आंगनबाड़ी सेविकाएँ तथा स्थानीय समुदाय सक्रिय रूप से शामिल हुए। अधिकारियों ने विभिन्न केंद्रों पर पहुँचकर बच्चों का सामूहिक जन्मोत्सव मनाया, केक काटा, बच्चों से संवाद किया और उन्हें उपहार एवं टॉफियाँ प्रदान कीं। इस दौरान बच्चों को पौष्टिक एवं संतुलित भोजन परोसा गया। अधिकारियों ने स्वयं व्यंजनों का स्वाद चखकर भोजन की गुणवत्ता व स्वच्छता की जाँच भी की।

पोषण, स्वच्छता एवं प्रारंभिक शिक्षा पर दिया गया जोर
कार्यक्रम के दौरान माताओं एवं अभिभावकों को निम्न बिंदुओं पर जागरूक किया गया—
- बच्चों के लिए संतुलित आहार का महत्व,
- प्रारंभिक बाल शिक्षा में आंगनबाड़ी की भूमिका,
- कुपोषण रोकथाम एवं नियमित वजन मॉनिटरिंग,
- हाथ धुलाई, स्वच्छता और स्वास्थ्य देखभाल की आदतें,
- टीकाकरण एवं आयरन–फोलिक एसिड सेवन की आवश्यकता
बच्चों ने सामूहिक खेल, गीत और गतिविधियों में भी भाग लिया, जिससे कार्यक्रम और अधिक आकर्षक बन गया।
“प्रत्येक माह की 22 तारीख को होगा आयोजन” — उपायुक्त
उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा—
“हर माह की 22 तारीख को जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल भोज सह जन्मोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्र केवल पोषण और शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि सामाजिक सहभागिता का भी माध्यम हैं। ऐसे आयोजनों से बच्चों में खुशी, अनुशासन, भाईचारा और पोषण की आदत विकसित होती है। यह पहल कुपोषण मुक्त झारखंड के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।”
सामुदायिक सहभागिता बनी कार्यक्रम की सबसे बड़ी ताकत
स्थानीय ग्राम समितियों, आशा वर्करों, स्कूल प्रबंधन समिति, मातृ समितियों और अभिभावकों ने भी कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया। सामुदायिक सहयोग के कारण “आंगन से आंगनबाड़ी” अभियान जनआंदोलन की दिशा में आगे बढ़ता दिख रहा है।