REVAMPED RGSA के तहत प्रोजेक्ट प्राण पर आधारित प्रशिक्षण से पंचायतों को राजस्व सृजन, पारदर्शी वसूली और वित्तीय स्वावलंबन की मिलेगी दिशा — 20 पंचायतों के प्रतिनिधि कर रहे सहभागिता
गोपाल शर्मा
झारखंड/ पाकुड़।
ग्राम पंचायतों को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने और राजस्व क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा REVAMPED राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (REVAMPED RGSA) के अंतर्गत “पंचायत के स्वयं के आय स्रोत (Own Source of Revenue – OSR)” विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत रवींद्र भवन सभागार में की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन उपायुक्त मनीष कुमार ने किया और पंचायत प्रतिनिधियों से राजस्व आधारित आत्मनिर्भरता का संकल्प लेने का आह्वान किया।

दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ उपायुक्त श्री मनीष कुमार, अपर समाहर्ता श्री जेम्स सुरीन, अनुमंडल पदाधिकारी श्री साईमन मरांडी, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी श्री अजय सिंह बड़ाईक एवं जिला पंचायत राज पदाधिकारी श्रीमती प्रीतिलता मुर्मू ने संयुक्त रूप से किया।

उपायुक्त मनीष कुमार संबोधित करते हुए कहा—
“ग्राम पंचायतें लोकतंत्र की नींव हैं, और उनकी वित्तीय स्वतंत्रता ही विकसित भारत की कुंजी है। यह प्रशिक्षण केवल प्रक्रिया नहीं, बल्कि पंचायतों में नई ऊर्जा भरने का प्रयास है। हमें केवल अनुदानों पर निर्भर न रहते हुए अपने स्थानीय संसाधनों से राजस्व बढ़ाने की दिशा में नवाचार करना होगा।”
उन्होंने ‘लोकल फॉर वोकल’ की तर्ज पर ‘लोकल रेवेन्यू फॉर लोकल डेवलपमेंट’ का मंत्र दिया।

अनुमंडल पदाधिकारी साईमन मरांडी ने कहा—
“मुखिया और पंचायत सचिव की संयुक्त कार्यशैली ही पंचायत की रीढ़ है। गृह कर, जल कर, हाट-बाजार शुल्क और सार्वजनिक संपत्तियों से प्राप्त राजस्व की वसूली को पारदर्शी और समयबद्ध बनाना ही वित्तीय सुदृढ़ता का आधार है।”

जिला पंचायत राज पदाधिकारी श्रीमती प्रीतिलता मुर्मू ने कहा—
“REVAMPED RGSA का मुख्य उद्देश्य पंचायतों को शासन, प्रबंधन और वित्तीय संचालन में सक्षम बनाना है। अपने स्वयं के राजस्व स्रोतों को मजबूत करना भविष्य की आवश्यकता है।”

प्रशिक्षण में शामिल प्रमुख विषय
पंचायतों के स्वयं के आय स्रोत (OSR) की पहचान और कानूनी प्रावधान
गृह कर एवं जल शुल्क का आकलन, संग्रहण और प्रबंधन
सार्वजनिक संपत्तियों (हाट, बाजार, तालाब, भवन आदि) का राजस्व मॉडल
डिजिटल भुगतान और पारदर्शी वसूली प्रणाली
पंचायती राज अधिनियम के कराधान अधिकारों का प्रभावी उपयोग
प्रतिभागिता
इस दो दिवसीय प्रशिक्षण में जिले के 20 ग्राम पंचायतों के मुखिया और पंचायत सचिव भाग ले रहे हैं।

जिला प्रशासन को उम्मीद है कि प्रशिक्षण के बाद पंचायतें अपने आंतरिक राजस्व स्रोतों को मजबूत करके योजनाओं के क्रियान्वयन, बुनियादी सुविधाओं और स्थानीय विकास कार्यों को अधिक गति एवं स्थायित्व प्रदान कर सकेंगी।

