गोपाल शर्मा
झारखंड/ साहेबगंज
1250 करोड़ की अवैध पत्थर खनन की शुरू हुई केंद्रीय जांच एजेंसी की जांच साहिबगंज जिले में लगातार बढ़ती जा रही है. अवैध खनन मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी के मुख्य गवाह रहे विजय हाँसदा की गवाही से पलटने के पश्चात उच्च न्यायालय रांची के आदेश के बाद उक्त जांच की कड़ी में सीबीआई की टीम द्वारा लगातार साहिबगंज के विभिन्न 8 स्थानों पर छापेमारी कर रही है । छापेमारी के दौरान सीबीआई की टीम द्वारा बरहड़वा के भगवान भगत, सब्रतो पाल, कृष्णा साहा तथा मिर्जाचौकी के संजय जयसवाल, रंजन वर्मा, ट्िकल भगत, पतरू सिंह एवं उधवा के महताब आलम के ठिकानों पर सबूत को खंगाली। मामले में CBI ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि सीबीआई ने अवैध पत्थर खनन से जुड़े एक मामले में तीन राज्यों में फैले लगभग 20 स्थानों पर तलाशी ली; तलाशी के दौरान 60 लाख से अधिक नकदी, 1 किलोग्राम से अधिक सोना एवं 1.2 किलोग्राम चांदी, 61 जिंदा कारतूस आदि बरामद किए गए I
सीबीआई झारखंड राज्य में संगठित अवैध पत्थर खनन से संबंधित एक मामले की जारी जांच में झारखंड (रांची में तीन स्थान, गुमला में एक स्थान एवं साहेबगंज में तेरह स्थान), पश्चिम बंगाल (कोलकाता में दो स्थान) तथा बिहार (पटना में एक स्थान) सहित तीन राज्यों में फैले लगभग 20 स्थानों पर तलाशी ले रही है।
अब तक की तलाशी में 60 लाख रु. से अधिक का नकद, 1 किलोग्राम से अधिक सोना, 1.2 किलोग्राम चांदी, सोने के आभूषण, मोबाइल, 61 जिंदा कारतूस (9 मिमी), संपत्तियों से संबंधित बिक्री विलेख (Sale Deeds), निवेश एवं मुखौटा कंपनियों से संबंधित दस्तावेज, समझौता पत्र और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं।
सीबीआई ने माननीय झारखंड उच्च न्यायालय, रांची के दिनांक 18/08/2023 के आदेश के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी के साथ पठित धारा 34, 379, 323, 500, 504 एवं 506, आर्म्स एक्ट की धारा 27, एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(5) एवं झारखंड खान एवं खनिज रियायत नियम 2004 की धारा 4/54 के तहत दिनांक 20/11/2023 को तत्काल मामला दर्ज किया था।
जांच से पता चला कि साहेबगंज जिले में बड़े पैमाने पर अवैध खनन गतिविधियों के फलस्वरूप सरकार को मुख्य रूप से रॉयल्टी का भुगतान न किए जाने एवं खनन कानूनों के उल्लंघन के कारण काफी नुकसान हुआ।
फील्ड अन्वेषण( Field investigations) से पता चलता है कि प्रमुख व्यक्ति एवं संस्थाएं कथित तौर पर इस ऑपरेशन में संलिप्त थी, उन्होंने अपनी गतिविधियों को छिपाने व अवैध रूप से प्राप्त संसाधनों/धन को पथान्तरित( Divert ) करने हेतु कई तरीके अपनाए। प्रारंभिक जांच में ऐसे साक्ष्य एकत्र किए गए, जिनसे पता चला कि अवैध खनन गतिविधि को अंजाम देने एवं इस प्रकार प्राप्त आय को छिपाने के लिए प्रमुख व्यक्तियों और फर्मों की संलिप्तता व सांठगांठ थी।
आज की तलाशी, उन संदिग्ध व्यक्तियों के परिसरों में की जा रही है, जिनकी भूमिका आगे की जांच के दौरान सामने आई है। इस मामलें में जाँच जारी हैl
क्या है पूरा मामला
सीबीआई ने झारखंड उच्च न्यायालय से विजय हॉसदा बनाम झारखंड सरकार व अन्य से संबंधित याचिका में 18 अगस्त 2023 को जारी आदेश पर पीई दर्ज की थी। इसके शिकायतकर्ता विजय हॉसदा ने अपनी उक्त याचिका वापस लेने संबंधित कोर्ट में आईए दाखिल की थी जिस पर कोर्ट ने सीबीआई को प्रारंभिक जांच पीई के लिए आदेश दिया था। सीबीआई में विजय हसदा के साहिबगंज के एससी एसटी थाने में 1 दिसंबर 2022 को दर्ज केस के आरोपीतो में विष्णु प्रसाद यादव, पवित्र कुमार यादव, राजेश यादव, संजय कुमार यादव, बच्चू यादव, संजय यादव, सुदेश मंडल व पंकज मिश्रा शामिल था। इन पर अवैध खनन एससी – एसटी, मारपीट, आर्म्स एक्ट जैसे गंभीर आरोप है। इन पर साहिबगंज के नींबू पहाड़ पर अवैध पत्थर खनन करने व अवैध संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप है। सीबीआई ने प्रारंभिक जांच के बाद इन पूरे मामलों को विस्तृत जांच के लायक पाया और सभी आरोपितों के विरुद्ध नियमित केस दर्ज करने की कार्रवाई की। सीबीआई ने दर्ज केस के अनुसंधान की जिम्मेदारी सीबीआई की रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो के डीएसपी केके सिंह को दी गई थी।
ज्ञात हो की सीबीआई को उच्च न्यायालय रांची से मिले आदेश के विरुद्ध पंकज मिश्रा ने उच्चतम न्यायालय दिल्ली में उच्च न्यायालय झारखंड के आदेश को खारिज करने की अपील की थी परंतु उच्चतम न्यायालय दिल्ली द्वारा अपील को ही खारिज कर दिया। इसके बाद सीबीआई की टीम ने जिले में अपना जांच आरंभ कर दिया अब देखना यह है कि सीबीआई की इस जांच में क्या कुछ निकाल कर सामने आता है।