गोपाल शर्मा
झारखंड/ साहिबगंज।
जिला दंडाधिकारी–सह–उपायुक्त हेमंत सती ने शनिवार को साहिबगंज प्रखंड के हाजीपुर पश्चिम पंचायत स्थित आर्सेनिक प्रभावित डिहारी गांव का दौरा किया। यहां उन्होंने ग्रामीणों के लिए निर्मित चार ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं का स्थल निरीक्षण किया और पेयजल उपलब्धता तथा योजनाओं के नियमित संचालन की अद्यतन स्थिति की विस्तृत समीक्षा की।

उपायुक्त ने बताया कि डिहारी गांव में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति दो किलोमीटर दूर रक्सी स्थान से बिछाई गई पाइपलाइन के माध्यम से की जा रही है। उन्होंने कहा कि आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षित जल उपलब्ध कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है, इसलिए सभी जलापूर्ति योजनाओं का सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जा रहा है।

उपायुक्त ने दिए महत्वपूर्ण निर्देश
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त हेमंत सती ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अभियंताओं को कई निर्देश जारी किए—
- सभी जलापूर्ति योजनाओं का मासिक जल गुणवत्ता परीक्षण अनिवार्य रूप से कराया जाए, ताकि ग्रामीणों को सुरक्षित एवं मानक के अनुरूप पेयजल उपलब्ध हो सके।
- ग्रामीणों से जल संयोजन राशि एवं मासिक जलकर संग्रहित किया जाए, जिससे योजनाओं की मरम्मति एवं पांच वर्ष की संपोषण अवधि समाप्त होने के बाद भी उनका संचालन निर्बाध रूप से जारी रखा जा सके।
- संग्रहित जलकर राशि ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (VWSC) के खाते में जमा की जाए, जिससे समिति को योजनाओं के रखरखाव और संचालन में आर्थिक सुदृढ़ता मिल सके।

ग्रामीणों से सहयोग की अपील
उपायुक्त ने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे अपने घरों में जल संयोजन अवश्य कराएं तथा नियमित रूप से जलकर जमा करें। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के लक्ष्य—हर घर तक नल का जल—को साकार करने में ग्रामीणों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।

निरीक्षण के दौरान कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल साहिबगंज; कनीय अभियंता; जल जीवन मिशन के जिला समन्वयक; उपमुखिया एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।
