गोपाल शर्मा
झारखंड/ साहिबगंज।
कृषक उपकार लाइवलीहुड अफ्लिमेंट फाउंडेशन के तहत संचालित एग्री क्लीनिक सेंटर, राजमहल की ओर से सोमवार को किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन कृषि समन्वयक निकेश कुमार के नेतृत्व में किया गया।

कार्यक्रम में क्षेत्र के कई किसान जैसे — गोपाल घोष, ममता रॉय, गीता रॉय, मुबारक हुसैन समेत अनेक कृषक उपस्थित रहे। किसानों को उनके खेतों की मिट्टी की जांच रिपोर्ट के आधार पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किया गया, जिससे वे अपनी भूमि की उर्वरता और पोषक तत्वों की स्थिति के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त कर सकें।

वैज्ञानिक खेती की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
इस अवसर पर कृषि समन्वयक निकेश कुमार ने बताया कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना किसानों के लिए एक क्रांतिकारी पहल है, जिसके माध्यम से वे वैज्ञानिक पद्धति से खेती कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि मिट्टी की गुणवत्ता की जानकारी मिलने से किसान फसलों में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी को पूरा कर सकते हैं और उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि कर सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा, “मिट्टी की जांच कराना हर किसान के लिए आवश्यक है। इससे न केवल उर्वरकों का संतुलित उपयोग संभव होता है, बल्कि लागत घटाने और उत्पादन बढ़ाने में भी मदद मिलती है।”

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के प्रमुख लाभ
1. मिट्टी की गुणवत्ता का आकलन: किसान मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
2. उर्वरकों का संतुलित उपयोग: रिपोर्ट के अनुसार किसान सही मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग कर सकते हैं, जिससे उत्पादन और मिट्टी की सेहत दोनों बनी रहती हैं।
3. फसलों की उत्पादकता में वृद्धि: संतुलित पोषण से फसलों की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार होता है।
4. मिट्टी की दीर्घकालिक उर्वरता: उचित उपायों से मिट्टी की सेहत को लंबे समय तक बनाए रखा जा सकता है।
5. वैज्ञानिक जागरूकता: किसानों में वैज्ञानिक खेती और मिट्टी संरक्षण की समझ विकसित होती है।
किसानों ने की पहल की सराहना
कार्यक्रम में उपस्थित किसानों ने कहा कि इस योजना से उन्हें अपनी भूमि के पोषण स्तर की सही जानकारी मिल रही है, जिससे फसल चयन और खाद के उपयोग में सटीकता आई है।
किसान गोपाल घोष ने कहा, “पहले हम अनुमान से खाद डालते थे, लेकिन अब कार्ड की मदद से सही मात्रा का उपयोग कर रहे हैं। इससे लागत घटी है और फसल बेहतर हो रही है।”
कार्यक्रम के अंत में निकेश कुमार ने सभी किसानों से अपील की कि वे नियमित रूप से मिट्टी की जांच कराएं और मृदा स्वास्थ्य कार्ड में दी गई सिफारिशों का पालन करें। उन्होंने कहा कि यही कम लागत में अधिक उपज प्राप्त करने का सबसे वैज्ञानिक तरीका है।