हेमंत सरकार ने कर दी एक और बड़ी घोषणा।।
राज्य सरकार की मुफ्त बिजली योजना जारी रहेगी। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में इस लुभावनी योजना ने असर दिखाया तो इस बार भी यह सरकार की प्राथमिकता सूची में है।
ऊर्जा विभाग ने इस मद में पांच हजार पांच करोड़ नौ लाख रुपये व्यय करने का प्रस्ताव दिया है। विभाग के मुताबिक राज्य में गुणवत्तापूर्ण निर्बाध बिजली आपूर्ति करना सरकार का लक्ष्य है।

राज्य के सभी घरेलू एवं शहरी उपभोक्ताओं को 200 यूनिट प्रतिमाह मुफ्त बिजली उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना का लाभ लगभग 35 लाख उपभोक्ता उठा रहे हैं।

झारखंड संपूर्ण बिजली आच्छादन योजना के क्रियान्वयन से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण विद्युत उपलब्धता में वृद्धि हुई है। साथ ही कृषि उपभोक्ताओं के लिए नए विद्युत संरचना का निर्माण भी किया गया है।

बिजली उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के प्रयास के तहत क्षमता संवर्धन का कार्य चल रहा है। इस निमित्त पतरातू में चार हजार मेगावाट का सुपर थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है।
ग्रामीण एवं शहरी विद्युतीकरण पर 500 करोड़
बिजली की संरचना को बढ़ाने के साथ-साथ विस्तार करने की भी प्रक्रिया चल रही है। मुख्यमंत्री उज्ज्वल झारखंड योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी विद्युतीकरण के लिए वित्तीय वर्ष 2025-2026 में 500 करोड़ रुपये का बजटीय उपबंध किया गया है।

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार की तरफ से संचालित पीएम-कुसुम योजना के तहत राज्य में सिंचाई कार्य के लिए वित्तीय वर्ष 2025-2026 में स्वीकृत 10,000 सोलर पंपसेट की आपूर्ति, अधिष्ठापन एवं पांच वर्ष के रखरखाव की योजना के लिए राज्य अनुदान के रूप में 150 करोड़ का बजटीय उपबंध किया गया है।


वर्ष 2025-2026 में विद्युत संचरण संबंधी परियोजनाओं पर कार्य जारी रखने के लिए बजटीय उपबंध का प्रस्ताव है।
ऊर्जा योजनाओं के लिए वर्ष 2025-2026 में नौ हजार 894 करोड़ 35 लाख 53 हजार रुपये का बजट प्रस्तावित है।
राज्य के हिस्से की राशि से जारी रहेगी घरों तक जल पहुंचाने की योजना
जल जीवन मिशन के तहत राज्य के 62 लाख 55 हजार ग्रामीण परिवारों को घरों तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाना है।
विधानसभा में राज्य का बजट प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि अबतक 34.17 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ मिल रहा है।
केंद्रांश मद में इसके लिए अबतक कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। बचे हुए परिवारों को इस योजना का लाभ देने के लिए राज्यांश मद की राशि से ही योजना का संचालन किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि पेयजल स्वच्छता विभाग के लिए बजट में चार हजार 710 करोड़ दो लाख 56 हजार की राशि स्वीकृत की गई है

