आम बजट आम बजट पर झारखण्ड चैंबर का मंतव्य झारखण्ड चैंबर का मंतव्य
आम बजट को देखने सुनने की व्यवस्था आज चैंबर भवन में की गई। मौके पर व्यापारी व उद्यमी वर्ग ने उपस्थित होकर बजट प्रसारण को देखा।
गरीब, मध्यम वर्गीय, महिला और युवाओं पर केंद्रित वर्ष 2047 तक देष को विकसित भारत बनाने का बजट है। बजट में सरकार ने सबका ख्याल रखने की सफल कोषिष की है। 1 करोड युवाओं को 500 बडी कंपनियों में इंटर्नषीप से जोडने से युवा शक्ति का सदुपयोग होगा। स्टार्टअप, एमएसएमई के प्रोत्साहन के साथ ही मुद्रा लोन की राषि बढाना स्वागतयोग्य है। झारखण्ड में माईंस, मिनरल्स की प्रचुरता को देखते हुए इससे जुडी इकाइयों का जाल बिछे, इसपर फोकस नहीं किया गया है। स्वास्थ्य और षिक्षा के सेक्टर में विषेष योजनाएं नहीं लाई गई हैं, जो होना चाहिए था। एक साथ तीन राज्य अलग हुए और हम पीछे रह गये। केंद्र सरकार की भी जिम्मेवारी बनती है कि हमें भी आगे जे जाने का प्रयास करे। सोलर एनर्जी पर सकारात्मक निर्णय लिया गया है। इससे बिजली पर निर्भरता कम होगी। झारखण्ड में टूरिज्म डेवलपमेंट की अपार संभावनाएं हैं, कई विख्यात धार्मिक स्थल हैं जिसपर केंद्र सरकार ने फोकस नहीं किया है, जिसकी हमें अपेक्षा थी। पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाना आवष्यक था, इसका भी बजट में उल्लेख नहीं है। बजट की एक अच्छी बात है कि राज्यों को आगे बढाने के लिए 50 वर्षों के लिए ब्याजमुक्त लोन उपलब्ध कराया जायेगा। यह राज्य के विकास में सहायक होगा।
किशोर मंत्री, अध्यक्ष, झारखण्ड चैंबर
बजट में इंक्लूसिव ग्रोथ की बात की गई है। सिडबी बैंक की नई नई शाखाएं खुलने से उद्योग की सबसे बडी अनिवार्यता फंड की समस्या का समाधान होगा। बैंकों का रीच बढने से इसका लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिलेगा। मुद्रा लोन की सीमा बढना स्वागतयोग्य है। युवाओं को बडे उद्योगों में इंटर्नषीप की योजना प्रषंसनीय है। इससे युवा जॉब रेडी होंगे। हमें उम्मीद थी कि मेडिकल इंष्योरंस के प्रीमियम में लग रही जीएसटी में कमी की जायेगी, हालांकि ऐसा नहीं हुआ। मोटर पार्ट्स, और हेलमेट की जीएसटी दरों में कमी की भी मांग की गई थी। हमने मांग की थी कि रांची से रायपुर एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जाय जो पडोसी राज्य को मिला है। एमएसएमई के क्षेत्र में भी सरकार ने प्राथमिकता दी है। बजट में विकसित भारत का जो फाउंडेषन होगा, वह नजर आता है।
आदित्य मल्होत्रा, उपाध्यक्ष
झारखण्ड जैसे राज्य में जहां टूरिज्म विकास की अपार संभावनाएं हैं, इसकी अनदेखी बजट में की गई है। राज्य के टूरिज्म डेवलपमेंट को लेकर हमारी शुरू से मांग रही है। राज्य में माईंस, मिनरल्स की प्रचुरता को देखते हुए इससे जुडे उद्योगों का जाल बिछे, इसको लेकर किसी तरह की योजना का उल्लेख बजट में नहीं किया गया है, जिससे निराषा हुई। झारखण्ड में एयर कनेक्टिविटी का विस्तार और अधिक कैसे हो, इसपर भी सरकार ने बजट में कोई उल्लेख नहीं किया है।
राहुल साबू, उपाध्यक्ष
बजट के माध्यम से कस्टम ड्यूटी को काफी रेसनलाइज किया गया है। मोबाइल, चार्जर समेत आम उपभोक्ताओं से जुडी चीजें सस्ती होंगी। सोना चांदी के आयात पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 6 प्रतिषत किया गया है। ये अच्छी पहल है। इससे तस्करी पर लगाम लगेगा और सोना चांदी सस्ती होगी। ओवरऑल इकोनॉमी के लिए ये अच्छा बजट है। एसएसएमई और मैनुफैक्चरिंग विषेषकर श्रम प्रधान मैनुफैक्चरिंग पर विषेष फोकस किया गया है। एमएसएमई को टर्म लोन की सुविधा के लिए क्रेडिट गारंटी योजना की शुरूआत अच्छी पहल है। बजट में इनोवेषन और अनुसंधान पर भी विषेष फोकस किया गया है।
परेश गट्टानी, महासचिव
ओवरऑल संतुलित बजट है। मुद्रा लोन की सीमा बढाकर 20 लाख करना स्वागतयोग्य है। इससे स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे आनेवाले लोगों को काफी सुविधा होगी तथा कैपिटल की समस्या का समाधान संभव होगा। 3 लाख तक इन्कम टैक्स स्लैब में छूट स्वागतयोग्य है। बजटीय भाषण में झारखण्ड का कहीं पर नाम नहीं आने का अफसोस रहेगा। बिहार के टूरिज्म डेवलपमेंट पर सरकार ने विषेष फोकस किया गया है, हमें उम्मीद है कि कंेद्र द्वारा झारखण्ड के टूरिज्म डेवलपमेंट पर भी जरूर ध्यान दिया जायेगा।
शैलेष अग्रवाल, सह सचिव
इंफ्रास्ट्रक्चर, कृषि और रोजगार सृजन पर सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता बजट के माध्यम से दर्षायी है। 12 औद्योगिक पार्कों को मंजरी, मुद्रा लोन की लिमिट को बढाना, उद्योगों में काम करनेवाले लोगों के लिए रेंटर हाउसिंग स्कीम की मंजूरी स्वागतयोग्य है।
अमित शर्मा, सह सचिव
ओवरऑल सकारात्मक बजट है। यह बजट आर्थिक लचीलापन और समावेषी विकास को बढावा देगा। झारखण्ड के परिप्रेक्ष्य में प्रत्यक्ष तौर पर कुछ एनांउसमेंट नहीं है किंतु ओवरऑल जो एनाउसमेंट हुआ है, इससे सभी वर्ग को फायदा होगा। बजट के माध्यम से आईटीआई को बढावा देने, कैंसर की दवाओं में छूट, मुद्रा लोन की रकम में बढोत्तरी, कस्टम ड्यूटी घटाने से मोबाइल और चार्जर सस्ते होने का फायदा सभी लोग ले सकते हैं। एक उद्यमी के तौर पर स्क्लिड लेबर की पर्याप्त उपलब्धता के लिए सरकार की कार्ययोजना सराहनीय है। यदि सस्ते दर पर कुषल श्रमबल की उपलब्धता हमें स्थानीय स्तर पर होगी तो इसका लाभ हमें जरूर मिलेगा। इन्कम टैक्स सैलरीड पीपल के लिए अच्छा है। महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदने पर रजिस्ट्री के दौरान स्टॉंप ड्यूटी में छूट मिलना बडी राहत है। इंडस्ट्रीयल पार्क हब की व्यवस्था की पहल स्वागतयोग्य है। राज्यों के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 26 हजार करोड रू0 का बजटीय आवंटन किया गया है जिससे हमारे राज्य को भी फायदा होगा।
ज्योति कुमारी, कोषाध्यक्ष
बजट में एमएसएमई सेक्टर पर अधिक कम ब्याज वाली लोन, अनुसंधान के लिए अलग व्यवस्था तथा बाजार उपलब्ध कराने की ओर ध्यान आकृष्ट किया गया है जो प्रषंसनीय है। यही सेक्टर सबसे ज्यादा नौकरी की व्यवस्था करती है। पूर्वांचल कॉरिडोर की बात कही गई हैं और एक बडा वित्तीय सहायता की गई है। उम्मीद है बिहार के साथ झारखण्ड में भी इससे जुडे कार्य हो जिससे हमारे प्रदेष का विकास भी हो। बजट में कृषि, षिक्षा, उद्योग, चिकित्सा के अलावा गरीब कल्याण पर सरकार का फोकस दिखा है। मुद्रा लोन की सीमा को बढाने से स्वरोजगार की दिषा में युवा आगे बढेंगे। युवाओं के दृष्टिकोण से देखें तो वित्त मंत्री ने अप्रेटिसषीप से नये अवसर देने के रास्ते खोले हैं। एंजेल टैक्स से स्टार्टटप को सहायता मिलेगी। आयकर कानून की समीक्षा और नये एक्ट की तैयारी से नये सुधार आयेंगे। बजट की हम प्रषंसा करते हैं।
विकास विजयवर्गीय, प्रवक्ता इंफ्रास्ट्रक्चर में 11 लाख 11 हजार करोड तक बजट बढाया गया है। मुद्रा लोन की सीमा को 10 लाख से बढाकर 20 लाख किया जाना स्वागतयोग्य है। इसी प्रकार 1 करोड विद्यार्थियों के लिए 500 बडी-बडी कंपनियों में इंटर्नषीप का प्रोग्राम बेहतर परिणाम देनेवाला साबित होगा। बजट में स्प्रिचूअल टूरिज्म पर काफी ध्यान दिया गया है। देष के एनर्जी डिमांड को पूरा करने के लिए सोलर पावर एनर्जी और एटोमिक एनर्जी कैसे बढाया जाय इसपर भी कंेद्र ने अपनी ईच्छा जाहिर की है। राज्य सरकारों के लिए केंद्र द्वारा 50 साल का टैक्स फ्री लोन उपलब्ध कराने का ऑफर दिया गया है, ये बडी पॉजिटीव चीज है। बजट में अर्बन हाउसिंग पर विषेष फोकस किया है। मेडिकल फिल्ड में कैंसर की दवाओं पर टैक्स रिड्यूस किया जाना स्वागतयोग्य है।
डॉ0 अभिषेक रामाधीन, कार्यकारिणी सदस्य
बजट किसी विषेष राज्य पर केंद्रित बजट नजर आता है। बहरहाल यह निष्चित है कि बजट के माध्यम से किये गये बजटीय उपबंध से यदि किसी राज्य का इंफा्रस्टचर बढेगा तो उसका लाभ हर राज्यों को मिलेगा। एमएसमएई को बूस्ट करने तथा आइटी सेक्टर को प्रोत्साहित करने पर सरकार ने अपनी ईच्छाषक्ति दिखाई है, यह स्वागतयोग्य है। किंतु दुर्भाग्य की बात है कि छोटे व्यापारियों के लिए बजट में किसी तरह की सहूलियत नहीं दी गई बल्कि उनको इस बजट से तकलीफ हुई है क्योंकि ई-कॉमर्स के टीडीएस में 1 प्रतिषत का रियायत दिया गया है जिससे ई-कॉमर्स और भी बूम करेगा। इन्कम टैक्स के स्लैब में किया गया परिवर्तन काबिले तारीफ है।
संजय अखौरी, कार्यकारिणी सदस्य
आम बजट में कृषि की उत्पादकता को बढाना, रोजगार और कौषल विकास, इंक्लूसिव मानव संसाधन विकास, मैनुफैक्चरिंग, उर्जा की सुरक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर, इनोवेषन और नेक्स्ट जेनरेषन रिफॉर्म्स की योजनाओं को शामिल किया गया हैं। यह ओवरऑल संतुलित बजट है। मोबाइल, चार्जर जैसी आम उपभोक्ताओं से जुडी चीजों को सस्ता करने से लोगों को इसका लाभ मिलेगा। कैंसर की दवाओं को सस्ता किया जाना स्वागतयोग्य है। सरकार को अन्य गंभीर बीमारी की दवाओं को भी सस्ता करने पर विचार किया जाना चाहिए। पुरानी आयकर व्यवस्था के तहत किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाना सराहनीय है, इससे मध्यम वर्गीय परिवार को काफी लाभ होगा। हालांकि झारखण्ड में रेल परियोजनाओं पर कोई बात नहीं किये जाने से थोडी निराषा हुई।
नवजोत अलंग, कार्यकारिणी सदस्य
बजट के प्रावधान विकसित भारत के उद्देष्यों को पूरा करने की दिषा में अग्रसर है। बजट में नौकरीपेषा, युवा, महिलाओं के लिए विषेष फोकस किया गया है जो सराहनीय है। व्यापार उद्योग के विकास हेतु ठोस पहल की आवष्यकता थी। सीनियर सीटीजन के लिए बजट में कुछ नहीं होने से थोडी निराषा हुई।
ओम प्रकाष अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष
ओवरऑल बजट काफी अच्छा है। शेयर मार्केट में निवेष करनेवाले इन्वेस्टर्स के लिए यह बजट अच्छा नहीं रहा क्योंकि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन, लांग टर्म कैपिटल गेन को सरकार ने बढाया है जिससे बाजार मे नेगेटिव इंपैक्ट आयेगा और काफी टैक्स के रूप में पैसा इंवेस्टर का निकलेगा। सरकार के लिए अच्छा है कि उनका टैक्स कलेक्षन बढेगा। जेनरल आदमी को काफी छूट मिली है। सैलरी पर्सन के लिए स्टैंडर्ड डिडक्षन 50 हजार से 75 हजार बढाया गया है। इससे सैलरीड इम्पलॉयी को काफी राहत मिलेगी। एक मुख्य बात जो हमने इस बजट में सुना कि टीडीएस के प्रोविजन को डिक्रिमिनलाइजेषन किया गया है। आज व्यापारी टीडीएस के क्रिमिनलाइजेषन के प्रोवीजन से बहुत ज्यादा त्रस्त था। टीडीएस के प्रावधानों में डिक्रिमिनलाइजेषन होने से व्यापारियों के लिए बहुत बडी राहत आयेगी।
रंजीत गाडोदिया, पूर्व अध्यक्ष
सहयोगी दलों का बजट है। जिस तरीके से प्रधानमंत्री जी के द्वारा लक्षदीप को केंद्र में रखकर, टूरिज्म डेवलपमेंट के प्रति केंद्र सरकार का नजरिया देखा गया था, ऐसा लगा था कि ऐसा सभी राज्यों के प्रति देखने को मिलेगा किंतु हर बार की तरह फिर एक बार बजट में झारखण्ड अछूता रह गया।
विनय अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष
संतुलित बजट है। इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सरकार ने बडा ऐलान करते हुए 11.11 लाख करोड रू0 पूंजीगत व्यय के लिए आवंटित किये हैं, जो देष की जीडीपी का 3.4 फीसदी है। इससे निष्चित ही बडे बदलाव देखने को मिलेंगे। सरकार ने इन्कम टैक्स के न्यू रिजीम में भी रेट में मामूली बदलाव किये हैं। बजट में बेसिक कस्टम ड्यूटी में कमी, स्टैंडर्ड डिडक्षन को 50 हजार से बढाकर 75 हजार करना, वर्कफोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी बढाना स्वागतयोग्य है।
प्रवीण जैन छाबडा, पूर्व अध्यक्ष
बजट का फोकस रोजगार, मिडिल क्लास, एमएसएमई, कृषि और स्किलिंग पर है। बजट में शहरी विकास, उर्जा सुरक्षा, नवाचार और सुधार पर भी फोकस किया गया है। राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर कार्यक्रम के तहत 12 औद्योगिक पार्कों को मंजूरी दिया जाना स्वागतयोग्य है।
धीरज तनेजा, पूर्व अध्यक्ष
बजट सर्वसमावेषी है। बजट कृषि, रोजगार, सामाजिक न्याय, शहरी विकास, उर्जा सुरक्षा, उद्योग-व्यापार के विकास पर कंेद्रित है जो 2047 तक देष को विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करेगा। रोजगार सृजन, कौषल विकास और अन्य सुविधाओं पर पर्याप्त राषि का आवंटन सुखद है। 500 बडी कंपनियों में इंटर्नषीप को बढावा देने की योजना से 1 करोड युवाओं को फायदा होगा, जिससे युवा जॉब रेडी होंगे और उद्यमियों को भी स्किल्ड मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिष्चित होगी। प्रधानमंत्री का यह युवाओं के लिए स्पेषल इंटर्नषीप पैकेज है। कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढाना, पीएम आवास योजना के तहत 3 करोड अतिरिक्त आवास बनाने से रियल एस्टेट सेक्टर्स को बूस्ट, टीडीएस के प्रोविजन को डिक्रिमिनलाइजेषन करना और कस्टम ड्यूटी को रेसनलाइज करने का निर्णय स्वागतयोग्य है। झारखण्ड मंे टूरिज्म की असीम संभावनाओं को देखते हुए बजटीय उपबंध किया जाना बेहतर परिणाम दे सकता है।
कुणाल अजमानी, पूर्व अध्यक्ष
संतुलित बजट है जिसमें विकसित भारत की झलक है। बजट में सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है। युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर निर्माण किये गये हैं। मध्यम वर्ग के लोगों को आयकर में राहत दी गई है किंतु यह उंट के मुंह मंे जीरा है।
आरके सरावगी, पूर्व अध्यक्ष
बजट के प्रावधान रोजगार उन्मूलन को लेकर काफी उपयुक्त हैं। देश के इस्टर्न रिजन के डेवलपमेंट की प्रतिबद्धता दिखाते हुए 50 हजार करोड रू0 का बजटीय उपबंध किया गया है। हमें उम्मीद है कि हमारे झारखण्ड को भी इसका लाभ मिलेगा। बजट के प्रावधान में एमएसएमई के लिए वीजन क्लियर नहीं है। यानी एमएसएमई के लिए बजट में ऐसा कुछ विषेष नहीं है जिससे हम उत्साहित हो सकें।
दीपक मारू, पूर्व अध्यक्ष