हमारा देश एक लोकतान्त्रिक देश है. इस देश में 140 करोड़ जनता निवास करती है और जनता के टैक्स के पैसो से देश चलता है सबका हमारे देश पर बराबरी का अधिकार है, लेकिन हमारे देश का 90% पैसा चंद बड़े पूँजीपतियों के पास है. देश के नीति निर्धारण में इन पूँजीपति यों के हित को ध्यान में रखकर सरकार काम कर रही है. सरकार को जनता से कोइ लेना देना नहीं है सिर्फ जनता को वोट बैंक का राजनीति समझा जाता है. देश में महंगाई, भ्रष्टाचार, जमाखोरी, कमीशन खोरी चरम पर है.
हमारे ही देश का पैसा गलत तरीके से अर्जित कर कुछ लोगों ने विदेश में तथा इंडिया में ही छुपा कर रखा है. हमारे देश के ऊपर 205 लाख करोड़ का कर्ज हो चुका है. पिछले 10 सालों में सरकार ने 20 लाख करोड़ का लोन पूँजीपतियों का माफ कर चुकी है. 500 करोड़ के योजना के लिए एस्टीमेट बढ़ा कर दो हजार करोड़ हो रहा है जो काम 1 हजार करोड़ में होना चाहिए उसके लिए 7 हजार करोड़ ख़र्च कर रहें हैं.इस सबका असर जनता पर पड़ रहा है.सहारा घोटाला, pnb, sbi बैंक घोटाला, abg शिप्यार्ड घोटाला से देश की जनता परेशान हैं. दूसरी और सरकार सरकारी कंपनियों को बड़े पूँजीपति के हांथों में बेच कर रोजगार छीन रही है. अडानी के पास 15 लाख करोड़, अम्बानी के पास 20 लाख करोड़ की सम्पति है. देश की जनता को गरीब रखने का काम हो रहा है. एक और अमीरों की सम्पति दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है दूसरी और जनताऔर गरीब हो रही है कैसा व्यवस्था चलाने का प्रयास सरकार के द्वारा है.
इसलिए हमलोग सरकार से निम्लिखित मांग करते हैं
कालाधन वापस लाकर जनता में बांटा जाए, सम्पति का मौलिक अधिकार कानून लागू किया जाए, अडानी, अम्बानी का सम्पति जब्त कर जनता को दिया जाए, नोट छापने के बाद पैसा जनता के खाते में दें, सहारा, तथा अन्य घोटाला का पैसा जनता को लौटा दिया जाए, सरकारी कम्पनी बेचना बंद करें जो बेचा गया है उसे वापस लाये, महंगाई, कमीशन खोरी, भ्रष्टाचार , जमाखोरी बंद किया जाए, लोगों को रोजगार दिया जाए
आपका
कृष्ण किशोर
कालाधन वापस लाओ, जनता को करोड़पति बनाओ आंदोलन
