उपायुक्त ने कहा: “मेहनत, अनुशासन और सतत मॉनिटरिंग से ही सफलता संभव”
गोपाल शर्मा
झारखंड/ पाकुड़।
जिले में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार और आगामी मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट परीक्षा 2026 की बेहतर तैयारी को लेकर उपायुक्त मनीष कुमार ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के सभी उच्च विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, एपीओ एवं बीपीओ के साथ समीक्षा बैठक की।

बैठक में उपायुक्त ने कहा कि परीक्षा परिणामों में सुधार तभी संभव है जब सभी विद्यालय अभी से ठोस और योजनाबद्ध ढंग से तैयारी शुरू करें। उन्होंने कहा कि “यदि प्रत्येक विद्यालय अपने विद्यार्थियों की मॉनिटरिंग सख्ती से करे और नियमित अभ्यास परीक्षाएँ आयोजित करे, तो शत-प्रतिशत परिणाम लाना कोई कठिन कार्य नहीं है।”
उपायुक्त श्री कुमार ने बताया कि जिले में पहले से ही एक सिस्टमेटिक कार्ययोजना पर काम आरंभ किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी ‘परख’ बुकलेट विद्यार्थियों के लिए उपयोगी साबित होगी क्योंकि सिलेबस में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ है। सभी विद्यालयों को निर्देश दिया गया कि वे प्रत्येक सप्ताह टेस्ट परीक्षा आयोजित करें और 1 से 5 नवम्बर 2025 के बीच कॉमन टेस्ट परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर कराएं।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि कॉपी की जांच निष्पक्ष रूप से की जाए तथा 15 नवम्बर तक विद्यार्थियों की प्रगति की समीक्षा कर कमजोर एवं मेधावी विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग रणनीति अपनाई जाए। उन्होंने कहा कि पिछड़ रहे विद्यार्थियों को सहयोग देने के लिए एक्स्ट्रा क्लासेज अनिवार्य रूप से चलाई जाएं।
उपायुक्त ने विद्यालयों में भवन या कक्षा-कक्ष की समस्या पर भी चर्चा की और कहा कि संबंधित विद्यालय ऐसे सभी मुद्दों की सूची तैयार कर शीघ्र जिला कार्यालय को भेजें। उन्होंने बताया कि सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में अतिरिक्त कक्षाओं का संचालन प्रारंभ किया जा चुका है और अन्य विद्यालयों में भी इसी मॉडल पर कक्षाएँ आयोजित की जाएंगी।
अंत में उपायुक्त ने सभी प्रधानाध्यापकों से आह्वान किया कि “पाकुड़ जिले को राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाना हम सबका सामूहिक संकल्प होना चाहिए। मेहनत, अनुशासन और सतत मॉनिटरिंग से हम निश्चित रूप से इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।”