गोपाल शर्मा
झारखंड/ साहिबगंज
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर रविवार को सरस्वती शिशु विद्या मंदिर बरहरवा में एक दिवसीय सप्त शक्ति संगम कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को समाज और राष्ट्रहित के कार्यों में आगे लाना तथा सामाजिक, राजनीतिक और शैक्षणिक क्षेत्रों में उनकी सहभागिता को प्रोत्साहित करना रहा।

कार्यक्रम का शुभारंभ मातृशक्ति द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इसके बाद अतिथि सम्मान, शस्त्र भेंट, समूह गीत और प्रश्नोत्तरी जैसे विविध आयोजन किए गए, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
इस अवसर पर झारखंड प्रांत की प्रवक्ता बहन लता एवं विद्या भारती की जिला संयोजिका बहन हेमा विशेष रूप से उपस्थित रहीं। उन्होंने कुटुंब प्रबोधन और पर्यावरण संरक्षण के भारतीय दृष्टिकोण पर अपने विचार रखते हुए महिलाओं की भूमिका को समाज परिवर्तन की धुरी बताया।
विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रमोद कुमार आज़ाद ने अपने संबोधन में सावित्रीबाई फुले और रानी लक्ष्मीबाई जैसी वीरांगनाओं की प्रेरणादायी गाथा सुनाई। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि महिलाओं ने हर युग में समाज और राष्ट्र की रक्षा एवं उन्नति में अहम योगदान दिया है।

कार्यक्रम में विभाग सह प्रमुख रमेश जी, विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत मंत्री बिरेंद्र यादव, विद्यालय प्रबंधन समिति सदस्य जवाहर भगत, मुख्य अतिथि रीता पासवान और समाजसेवी सुमन कुमार ने संयुक्त रूप से विद्यालय की आचार्याओं और उपस्थित वीरांगनाओं को शस्त्र स्वरूप तलवार भेंट कर सम्मानित किया।
सप्त शक्ति संगम में बरहरवा, पाकुड़, पाकुड़िया, हिरणपुर, राजमहल, उधवा, साहेबगंज, कोटालपोखर, लालमाटी और जामनगर के स. शि. वि. मंदिरों की दीदीगण, प्रधानाचार्य एवं जनजातीय विद्यालय बोरियों, बरहेट और बुआरीजोर की महिला शक्ति बड़ी संख्या में शामिल हुईं। सभी अतिथियों व प्रतिभागियों को अंग वस्त्र प्रदान कर बरहरवा विद्यालय परिवार की ओर से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में आचार्य चिंतामणि गोस्वामी, गौरव निराला, सुरेन महतो, शिव, भास्कर, कंचन, अंजुला, जूली, खुशबू सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे। आयोजन के अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
