फिर हिली धरती, जानें कितनी तीव्रता का आया भूकंप।
Earthquake: भूकंप आने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। 5 फरवरी की सुबह-सुबह म्यांमार की धरती भूकंप के झटकों से कांप गई। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.7 बताई गई है। भूकंप के तेज झटकों से लोगों में डर का माहौल है। वहीं लगातार आ रहे भूकंप के झटकों ने लोगों की टेंशन बढ़ा दी है। कभी दिल्ली-एनसीआर में कभी फरीदाबाद और हरियाणा में। तो कभी अफगानिस्तान, पाकिस्तान, तिब्बत और बिहार में आ रहे भूकंप ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि कई भविष्यवाणियों में ये कहा गया कि साल 2025 से दुनिया नष्ट होने की राह पर होगी। ऐसे में बार-बार यूं धरती हिलना लोगों के डर को और बढ़ा रहा है
कहां रहा भूकंप का केंद्र
म्यांमार में धरती के नीचे 32 किलोमीटर की गहराई में था। ऐसे में भूकंप के झटकों से लोगों में दहशत का माहौल रहा। अधिकतर लोग सोए हुए थे। बीते कई दिनोें से अचानक आ रहे भूंकप ने लोगों को टेंशन में डाल दिया है। आखिर क्यों आ रहे हैं इतने ज्यादा भूकंप के झटके? क्या ये किसी प्रलय का इशारा है? अगर ऐसा है तो हो सकता है कि बहुत जल्द कहीं बर्बादी का मंजर भी देखा जा सकता है।
कैसे हैं हालात
हालांकि अभी तक किसी भी प्रकार के नुकसान और जनहानि की कोई खबर नहीं आई है। लेकिन ये तो 100 प्रतिशत सत्य है कि सोते हुए लोगों को जब धरती हिलने का एहसास हुआ होगा तो उनके मन में कितना डर रहा होगा। जैसे ही किसी भी प्रकार की हानि की कोई खबर आती है तो अपडेट किया जाएगा।
क्यों आता है भूकंप?
भूकंप आमतौर पर तब आते हैं जब भूमिगत चट्टान अचानक टूट जाती है और भ्रंश के साथ तेज गति होती है। ऊर्जा के इस अचानक निकलने से भूकंपीय तरंगें पैदा होती हैं, जो जमीन को हिला देती हैं। भूकंप के दौरान और उसके बाद, चट्टान की प्लेटें या ब्लॉक हिलना शुरू हो जाते हैं – और वे तब तक हिलते रहते हैं जब तक कि वे फिर से चिपक न जाएं। भूमिगत वह स्थान जहां चट्टान सबसे पहले टूटती है उसे भूकंप का फोकस या हाइपोसेंटर कहा जाता है । फोकस के ठीक ऊपर (जमीन की सतह पर) जगह को भूकंप का केंद्र कहा जाता है।
