रांची, नामकुम
झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता, जननायक एवं पूर्व विधायक स्वर्गीय दुर्गा सोरेन की जयंती के अवसर पर आज नामकुम स्थित दुर्गा सोरेन स्मारक में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और उनकी धर्मपत्नी विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन उपस्थित हुईं। दोनों ने स्व. दुर्गा सोरेन की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी और उन्हें शत-शत नमन किया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने मीडिया प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि “स्व. दुर्गा सोरेन झारखंड राज्य आंदोलन के मजबूत स्तंभ रहे। अलग झारखंड राज्य की परिकल्पना को साकार करने में उनका योगदान अतुलनीय है। वे सदैव जनहित, समाजहित और आदिवासी अस्मिता की रक्षा के लिए संघर्षरत रहे। उनकी भूमिका और बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। हर वर्ष उनकी जयंती पर हम सब एकत्रित होकर उन्हें नमन करते हैं और उनके आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लेते हैं।”

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि स्व. दुर्गा सोरेन का जीवन दर्शन, त्याग और संघर्ष की गाथा नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि झारखंड की अस्मिता और पहचान को कायम रखने में उनका योगदान इतिहास के पन्नों में स्वर्णाक्षरों से लिखा जाएगा।
इस मौके पर विधायक कल्पना सोरेन ने भी श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए कहा कि “स्व. दुर्गा सोरेन का जीवन संघर्ष और समर्पण से परिपूर्ण रहा। वे सिर्फ एक राजनीतिक व्यक्तित्व नहीं थे बल्कि जन-जन के नेता थे, जिन्होंने झारखंड की माटी और यहां के लोगों की गरिमा को सुरक्षित रखने के लिए संघर्ष किया। हम सभी का कर्तव्य है कि उनके विचारों और उद्देश्यों को आगे बढ़ाएं।”

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में झामुमो कार्यकर्ता, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं आमजन भी उपस्थित हुए। सभी ने स्व. दुर्गा सोरेन की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया।
झारखंड आंदोलन के दौर में दुर्गा सोरेन ने संगठन और जनसंगठनों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई थी। वे गरीबों, मजदूरों, किसानों और आदिवासियों की आवाज़ बनकर सामने आए। विधायक के रूप में भी उन्होंने समाज के पिछड़े तबकों की बेहतरी के लिए सतत प्रयास किए।
आज उनकी जयंती पर आयोजित इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम ने एक बार फिर झारखंड की अस्मिता, पहचान और आंदोलन की स्मृतियों को ताज़ा कर दिया। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने उपस्थित जनसमूह से आह्वान किया कि हम सब मिलकर उनके अधूरे सपनों को साकार करने का प्रयास करें और झारखंड को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।