गोपाल शर्मा
झारखंड/ साहिबगंज।
झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ, जिला इकाई साहेबगंज की ओर से रविवार को विवेकानंद क्रीड़ांगन में एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य एजेंडा शिक्षकों पर शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) की अनिवार्यता का विरोध था। संघ ने इसे शिक्षकों के अधिकारों पर कुठाराघात करार देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करने का सर्वसम्मत निर्णय लिया।
“शिक्षकों के सम्मान से समझौता नहीं”
बैठक में संघ के पदाधिकारियों ने साफ कहा कि कार्यरत शिक्षकों पर TET थोपना अन्यायपूर्ण है और इससे उनका सम्मान व अधिकार प्रभावित होता है। संघ ने केंद्र सरकार से मांग की कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE Act) में संशोधन किया जाए, जिससे वर्तमान शिक्षकों के हितों की रक्षा हो सके।

जिला इकाई के उपाध्यक्ष अवधेश पाण्डेय और संयुक्त सचिव शैलेश कुमार दास ने चेतावनी दी कि यदि सरकार इस मुद्दे पर गंभीर पहल नहीं करती है तो शिक्षक राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
आंदोलन की राह पर शिक्षक
संघ नेताओं ने कहा कि शिक्षक समाज की धुरी हैं और उनके साथ अन्याय किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
“हमारा संघर्ष शिक्षकों के अधिकार और सम्मान की रक्षा के लिए है। जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जातीं, आंदोलन जारी रहेगा।” – शैलेश कुमार दास, संयुक्त सचिव, जिला इकाई साहेबगंज
बैठक में बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल
बैठक में जिला इकाई और बरहरवा प्रखंड से जुड़े कई शिक्षक और पदाधिकारी मौजूद रहे। इनमें मनोरंजन कुमार (प्रवक्ता), प्रखंड अध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार रागा, उपसचिव लालबहादुर प्रभात, विनोद भंडारी, जयराज कुँवर, गंगासागर रजक, राजीव दास, आहेद अली शेख, सुभाष ठाकुर, सूजन कुमार दास सहित कई शिक्षकों ने भाग लिया। सभी ने मिलकर एकजुट होकर संघर्ष की राह पर चलने का संकल्प लिया।

