छठ घाटों पर मिलेगी बेहतर व्यवस्था, अतिक्रमण व गंदगी पर सख़्ती
गोपाल शर्मा
झारखंड/ पाकुड़।
महापर्व छठ पूजा को देखते हुए ज़िले में स्वच्छता, सुरक्षा एवं व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन ने अपनी तैयारियाँ तेज़ कर दी हैं। इसी कड़ी में उपायुक्त मनीष कुमार ने आज नगर परिषद, पाकुड़ का निरीक्षण किया और छठ घाटों की तैयारियों, सफ़ाई एवं अतिक्रमण मुक्त शहर अभियान की प्रगति की समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

छठ घाटों पर मिलेंगी ये खास सुविधाएँ — समयसीमा में कार्य पूर्ण करने का निर्देश
उपायुक्त ने कहा कि सभी छठ घाटों पर नीचे उल्लेखित व्यवस्थाएँ समय पर और गुणवत्ता के साथ सुनिश्चित की जाएँ—
- घाटों की संपूर्ण सफाई एवं स्वच्छता
- प्रकाश व्यवस्था की सुचारु व्यवस्था
- शुद्ध पेयजल की उपलब्धता
- महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम
- बैरिकेडिंग व सुरक्षा घेरा
- भीड़ प्रबंधन हेतु यातायात व्यवस्था
- NDRF/पुलिस/होमगार्ड की सुरक्षा व्यवस्था
उन्होंने यह भी कहा कि व्रतियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, यह सुनिश्चित करने हेतु कार्य समयबद्ध एवं धरातल पर दिखने योग्य होने चाहिए।

शहर में चला विशेष स्वच्छता व अतिक्रमण हटाओ अभियान
छठ पर्व को देखते हुए नगर परिषद प्रशासक अमरेन्द्र कुमार चौधरी के नेतृत्व में शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान एवं कंस्ट्रक्शन डेब्रिस हटाने का विशेष अभियान चलाया गया। इसमें राजस्व निरीक्षक एवं सैनिटरी इंस्पेक्टर भी सक्रिय रूप से मौजूद रहे।
प्रशासक श्री चौधरी ने कहा—
“नगर परिषद स्वच्छ, सुरक्षित और सुगम शहर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। त्योहारों के समय नागरिकों का सहयोग अनिवार्य है। सड़क किनारे अतिक्रमण, अवैध ढेर या निर्माण सामग्री छोड़ने वालों पर अब सख़्त कार्रवाई की जाएगी।”
नागरिकों से अपील और सख़्त चेतावनी
नगर परिषद ने दुकानदारों और आम नागरिकों से अपील की है कि—
- सड़क किनारे अतिक्रमण न करें
- निर्माण सामग्री खुले में न छोड़ें
- गंदगी फैलाने से परहेज़ करें
अन्यथा चेतावनी के बाद भी कार्रवाई योग्य पाए जाने पर विधि सम्मत दंड, ज़ुर्माना और सामान जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।
“स्वच्छ, सुंदर और सुरक्षित पाकुड़ — प्रशासन–जन भागीदारी से ही संभव” : उपायुक्त
निरीक्षण के अंत में उपायुक्त मनीष कुमार ने नगर परिषद टीम के कार्यों की सराहना की और कहा—
“प्रशासन और नागरिक यदि मिलकर जिम्मेदारी निभाएँ तो स्वच्छ, सुंदर और सुरक्षित पाकुड़ का निर्माण निश्चित रूप से संभव है।”