उपायुक्त मनीष कुमार ने पीसीपीएनडीटी अधिनियम के पालन को लेकर दिए सख्त निर्देश
गोपाल शर्मा
झारखंड/ पाकुड़।
समाहरणालय सभागार में शुक्रवार को उपायुक्त मनीष कुमार की अध्यक्षता में पीसीपीएनडीटी (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) अधिनियम के अंतर्गत जिला निरीक्षण एवं निगरानी समिति (डीआईएमसी) की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले में संचालित अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों की कार्यप्रणाली, पंजीकरण, जांच और अनुपालन की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की गई।

बैठक के दौरान उपायुक्त मनीष कुमार ने जिले में संचालित 9 अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों की समग्र जांच कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जांच टीम द्वारा सभी क्लीनिकों का निरीक्षण पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत निर्धारित मानकों और चेकलिस्ट के अनुसार किया जाए तथा जांच प्रतिवेदन शीघ्र जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया जाए।
उपायुक्त ने सख्त लहजे में कहा कि गर्भ में भ्रूण के लिंग निर्धारण की किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि पर पूर्ण प्रतिबंध है। इस प्रकार की किसी भी सूचना या गतिविधि के मामले में शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जाएगी। उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि सभी पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्रों की नियमित मॉनिटरिंग एवं औचक निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए।

इसके साथ ही डीआईएमसी समिति की गतिविधियों की भी समीक्षा की गई। उपायुक्त ने कहा कि समिति द्वारा समय-समय पर सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों का निरीक्षण किया जाना आवश्यक है ताकि नियमों का अनुपालन सुनिश्चित हो सके। उन्होंने निर्देश दिया कि डीआईएमसी समिति जांच प्रतिवेदन तैयार कर शीघ्र जिला प्रशासन को प्रस्तुत करे।
उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा कि बालिका भ्रूण हत्या केवल एक सामाजिक अपराध ही नहीं बल्कि मानवता के विरुद्ध अपराधहै। इसे रोकने के लिए प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और समाज — तीनों की साझी जिम्मेदारी है। उन्होंने आमजन से अपील की कि बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करें और “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।
