गोपाल शर्मा
झारखंड/ साहिबगंज
जिले में प्रशासन और जनता के बीच भरोसे का रिश्ता दिनों-दिन मजबूत होता जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को समाहरणालय स्थित उपायुक्त–सह–जिला दंडाधिकारी कार्यालय प्रकोष्ठ में आयोजित जनता दरबार में एक बार फिर लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। इस पहल ने साबित कर दिया है कि जनता दरबार अब लोगों की उम्मीदों का केंद्र बन चुका है।
उपायुक्त–सह–जिला दंडाधिकारी हेमंत सती की अध्यक्षता में आयोजित इस दरबार में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से आए नागरिकों ने अपनी समस्याएं सीधे जिला प्रशासन के समक्ष रखीं। मौके पर पेंशन भुगतान में विलंब, भूमि विवाद, पेयजल संकट, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, बिजली आपूर्ति की समस्या तथा शिक्षा व्यवस्था से संबंधित शिकायतें प्रमुख रूप से सामने आईं।

डीसी हेमंत सती ने प्रत्येक शिकायत को गंभीरता से सुना और संबंधित अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि – “जनहित से जुड़े मामलों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रशासन का लक्ष्य है प्रत्येक नागरिक को समयबद्ध, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण समाधान उपलब्ध कराना।”
डीसी ने आगे यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक विभाग को अपनी कार्रवाई की रिपोर्ट अनिवार्य रूप से उपायुक्त कार्यालय को सौंपनी होगी। इससे न केवल मॉनिटरिंग बेहतर होगी बल्कि पारदर्शिता भी बनी रहेगी। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि समस्याओं के निस्तारण में देरी या औपचारिकता किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं होगी।
जनता दरबार में जिला नियोजन पदाधिकारी–सह–जन सूचना कोषांग प्रभारी मनोज मनजीत भी उपस्थित रहे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्राप्त आवेदनों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी और प्रत्येक शिकायतकर्ता को समाधान की जानकारी समय पर उपलब्ध कराई जाएगी।
गौरतलब है कि साहिबगंज जिले में प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को जनता दरबार का आयोजन किया जाता है। इस पहल ने प्रशासनिक कार्यसंस्कृति को नई दिशा दी है। लोग अब बिना किसी मध्यस्थ के अपनी समस्याएं सीधे जिला प्रशासन तक पहुँचा रहे हैं। इससे न केवल शासन और जनता के बीच संवाद मजबूत हुआ है बल्कि जनता के बीच यह विश्वास भी गहरा हुआ है कि प्रशासन उनकी समस्याओं को सुनने और समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है।