आवास, मनरेगा, पेयजल, सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा योजनाओं की प्रगति पर हुई सख्त समीक्षा
गोपाल शर्मा
झारखंड/ पाकुड़।
ज़िला उपायुक्त मनीष कुमार गुरुवार देर शाम महेशपुर पहुँचे, जहाँ प्रखंड कार्यालय के सभागार में विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में आवास योजना, मनरेगा, पेयजल, सड़क, आपूर्ति, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं 15वें वित्त आयोग से संबंधित योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई।

उपायुक्त ने विभागवार प्रगति रिपोर्ट लेते हुए स्पष्ट कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना पर विशेष रूप से नाराज़गी जाहिर की और लंबित कार्यों को युद्धस्तर पर पूरा करने का निर्देश दिया।

आवास योजना पर सख्त निर्देश
उपायुक्त ने कहा—
- जिन लाभुकों को दूसरी और तीसरी किस्त मिल चुकी है, उनका निर्माण कार्य हर हाल में शीघ्र पूरा कराया जाए।
- फोटोग्राफ्स एवं जियो-टैगिंग अपडेट रखें।
- प्रखंड स्तर पर विशेष मॉनिटरिंग टीम गठित कर साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
- 15वें वित्त आयोग की योजनाओं पर तेज़ी लाने का निर्देश।
बैठक में उपायुक्त ने पंचायत स्तर पर चल रहे कार्यों की धीमी रफ्तार पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में चल रहे पेयजल, नाली, सड़क और छोटे अधोसंरचना कार्य समयसीमा के भीतर पूर्ण कराएं ताकि जनता को सीधा लाभ मिले।

अन्य प्रमुख विभागों की भी हुई समीक्षा
बैठक में
- मनरेगा के तहत चल रहे कार्यों की स्वच्छता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने,
- पेयजल व सड़क योजनाओं में गुणवत्ता और समयबद्धता,
- स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग में सेवाओं की बेहतर मॉनिटरिंग को लेकर भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
उपायुक्त ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि जनहित से जुड़े मुद्दों पर तत्परता ही सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिकायत मिलने पर ज़िम्मेदार पदाधिकारियों पर कार्रवाई तय है।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
बैठक में बीडीओ डॉ. सिद्धार्थ शंकर यादव, सीओ संजय कुमार सिन्हा, बीपीआरओ प्रसेनजित मंडल, बीपीओ रिज़वान फारूकी, सीडीपीओ नीलू रानी, एई, जेई सहित सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारी और कर्मी मौजूद थे।
उपायुक्त की यह समीक्षा बैठक महेशपुर प्रखंड में चल रही विकास योजनाओं को गति देने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि लक्ष्यों की पूर्ति और योजनाओं के लाभुक तक समय पर लाभ पहुंचाना ही प्राथमिक लक्ष्य है।

