गोपाल शर्मा
झारखंड/ पाकुड़।
रिंची अस्पताल में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने तथा संस्थागत प्रसव की संख्या में वृद्धि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शनिवार को उपायुक्त मनीष कुमार की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में अस्पताल में उपलब्ध वर्तमान संसाधनों, सेवाओं, प्रसव सुविधाओं एवं सुधार की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक में बताया गया कि वर्तमान में अस्पताल में प्रतिमाह औसतन 50 प्रसव किए जा रहे हैं। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देते हुए इस संख्या को बढ़ाकर 150 प्रसव प्रतिमाह तक पहुँचाया जाए। इसके लिए लिट्टीपाड़ा सीएचसी से 100 तथा हिरणपुर सीएचसी से 50 प्रसव मामलों को रेफर कर रिंची अस्पताल में डिलिवरी सुनिश्चित कराई जाएगी।
प्रसूता और सहिया को मिलेगी प्रोत्साहन राशि
बैठक में बताया गया कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
- ₹1,400 रुपये प्रसूता को
- ₹300 रुपये सहिया को
इस समन्वय की ज़िम्मेदारी लिट्टीपाड़ा सीएचसी को दी गई है।

नर्स एवं सहिया प्रशिक्षण पर विशेष जोर
उपायुक्त ने प्रसव सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने पर बल देते हुए निर्देश दिया कि सहिया एवं नर्सों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएँ।
इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करने का दायित्व डॉ. एस.के. झा को सौंपा गया है।
हर मरीज का रिकॉर्ड होगा डिजिटल, आयुष्मान लाभ अनिवार्य
बैठक में निम्न निर्देश भी दिए गए—
- अस्पताल में रोज़ाना आने वाले मरीजों की संख्या एवं बीमारी का विवरण व्हाट्सएप ग्रुप में प्रतिदिन साझा किया जाए
- भर्ती मरीजों का आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभ तुरंत जेनरेट किया जाए
- सभी सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जाए
उपायुक्त ने कहा कि“संस्थागत प्रसव बढ़ने से माँ और शिशु, दोनों के स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित होती है। इसलिए प्रत्येक स्तर पर समन्वय मजबूत कर कार्य किया जाए।” उन्होंने साफ निर्देश दिया कि अस्पताल की सभी व्यवस्थाओं में पारदर्शिता, संवेदनशीलता एवं जिम्मेदारी अनिवार्य हो।
