लापरवाह कर्मियों का वेतन रोका गया, 30 दिनों में मरम्मत पूरी करने का निर्देश
गोपाल शर्मा
झारखंड/ साहिबगंज।
जिला प्रशासन ने शनिवार को बांझी क्षेत्र में सरकारी संस्थानों की कार्यप्रणाली का जायजा लिया। उपायुक्त हेमंत सती ने अचानक प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र बांझी, पशुपालन चिकित्सालय, और राज्यकीय अनुसूचित जनजाति उच्च विद्यालय बांझी का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई गंभीर लापरवाहियाँ उजागर हुईं, जिस पर उपायुक्त ने कड़ा रुख अपनाया और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।

🔹 स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर और कर्मी नदारद
निरीक्षण के दौरान बांझी उप स्वास्थ्य केंद्र में नियुक्त डॉक्टर अनुपस्थित पाई गईं। वहीं केंद्र में CHO की प्रतिनियुक्ति नहीं थी, जबकि तीन ANM की तैनाती की जानकारी मिली।
लैब टेक्नीशियन मोहम्मद नौशाद अंसारी और MPW प्रदीप कुमार भी ड्यूटी से नदारद पाए गए। उपायुक्त ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए दोनों से स्पष्टीकरण की मांग की तथा उनके वेतन भुगतान पर रोक लगाने का निर्देश दिया।

उपायुक्त ने स्वास्थ्य केंद्र की खराब स्थिति पर नाराज़गी जाहिर की और प्लेसेंटा पीट निर्माण, RO मशीन की व्यवस्था, तथा सोलर लाइट की स्थापना को शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
🔹 पशुपालन चिकित्सालय में ताला बंद — “लापरवाही बर्दाश्त नहीं”
इसके बाद उपायुक्त ने बांझी पशुपालन चिकित्सालय का निरीक्षण किया, जहाँ पूरा परिसर ताले से बंद मिला। इस पर उन्होंने गहरी नाराज़गी व्यक्त करते हुए स्पष्ट कहा कि सरकारी व्यवस्था में गैर-जिम्मेदारी या लापरवाही को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि संबंधित डॉक्टरों और सभी कर्मियों का वेतन तत्काल रोका जाए, तथा कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए।

🔹 विद्यालय में अव्यवस्था और खराब भवन पर सख्त कार्रवाई का निर्देश
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त हेमंत सती ने राज्यकीय अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) उच्च विद्यालय, बांझी का भी निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि विद्यालय में बना मॉडलर किचन संचालित नहीं हो रहा है और नव-निर्मित भवन की स्थिति जर्जर है।
इस पर उपायुक्त ने नाराज़गी जताते हुए संबंधित एजेंसी को 30 दिनों के भीतर मरम्मत कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यदि तय समय में कार्य नहीं हुआ, तो संवेदक व एजेंसी से राशि वसूली कर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

🔹 “जनता की सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता” — उपायुक्त
निरीक्षण के अंत में उपायुक्त ने कहा —
“जनता को बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखना किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि स्वास्थ्य, शिक्षा और पशुपालन जैसी सेवाएं सुचारू रूप से संचालित हों। लापरवाही करने वाले अधिकारी और कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

