गोपाल शर्मा
झारखंड/ पाकुड़।
नशीली दवाओं के खिलाफ जिला प्रशासन अब सख्त रुख अपनाने के मूड में है। इसी कड़ी में शनिवार को समाहरणालय सभागार में उपायुक्त मनीष कुमार की अध्यक्षता में नार्कोटिक्स समन्वय समिति (NCORD) की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्रीमती निधि द्विवेदी सहित संबंधित सभी विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक के दौरान जिले में एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत दर्ज मामलों की स्थिति, नशीले पदार्थों की अवैध खेती, तस्करी एवं बिक्री पर की गई अब तक की कार्रवाई की विस्तार से समीक्षा की गई। उपायुक्त ने कहा कि नशे के खिलाफ प्रशासनिक सतर्कता और सख्ती दोनों जरूरी हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि जिले में नशीले पदार्थों के खिलाफ “ज़ीरो टॉलरेंस नीति” अपनाई जाए।
उन्होंने कृषि पदाधिकारी को निर्देशित किया कि कृषि मित्रों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में सतत निगरानी रखी जाए ताकि किसी भी प्रकार की अवैध अफीम या नशीली फसल की खेती न हो सके। साथ ही, रेलवे मार्गों पर नशीले पदार्थों की आवाजाही पर नियंत्रण के लिए आरपीएफ को नियमित जांच अभियान चलाने का निर्देश दिया। जिला परिवहन पदाधिकारी को भी बसों एवं अन्य सार्वजनिक वाहनों में रैंडम जांच सुनिश्चित करने को कहा गया।
उपायुक्त श्री मनीष कुमार ने कहा —
“नशीले पदार्थों की रोकथाम के लिए बहु-विभागीय समन्वय आवश्यक है। समाज के हर स्तर पर जागरूकता और कठोर कार्रवाई दोनों समानांतर रूप से चलनी चाहिए। नशा न केवल व्यक्ति को बल्कि पूरे परिवार और समाज को प्रभावित करता है, इसलिए सभी को इसके खिलाफ एकजुट होकर काम करना होगा।”
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्रीमती निधि द्विवेदी ने भी जिले के सभी थाना प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में दवा दुकानदारों के साथ बैठक कर उन्हें प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री से सख्ती से परहेज़ करने की चेतावनी दें। उन्होंने कहा कि—
“प्रतिबंधित सिरप या नशीली दवाओं की बिक्री में संलिप्त पाए जाने वाले दुकानदारों के खिलाफ नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है।”
बैठक में शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, उत्पाद विभाग, रेलवे पुलिस, परिवहन विभाग, कृषि विभाग सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। सभी को अपने-अपने स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाने और नशा उन्मूलन को लेकर ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए गए।
पाकुड़ जिला प्रशासन ने साफ किया है कि नशे के खिलाफ यह जंग केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि सामाजिक अभियान के रूप में आगे बढ़ाई जाएगी।
