गोपाल शर्मा
झारखंड/ पाकुड़
सावित्रीबाई फुले, महिला एवं बाल विकास संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र, रांची के तत्वावधान में मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत कार्यरत बहु-हितधारकों हेतु बाल संरक्षण विषयक पांच दिवसीय वर्टिकल प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सूचना भवन सभागार में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त श्री मनीष कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर उन्होंने मिशन वात्सल्य योजना को बच्चों की सुरक्षा, कल्याण एवं सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने वाली एक महत्वपूर्ण सरकारी पहल बताया।

परिवार आधारित देखभाल पर विशेष जोर
उपायुक्त ने कहा कि बच्चों को कठिन परिस्थितियों में सहयोग प्रदान करने के लिए परिवार आधारित गैर-संस्थागत देखभाल को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जबकि संस्थागत देखभाल को अंतिम विकल्प के रूप में अपनाना चाहिए। उन्होंने जिलों से आए बाल संरक्षण इकाईयों के प्रतिभागियों को प्रेरित किया कि वे बच्चों के सर्वोत्तम हित, समग्र विकास, मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वास की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कार्य योजना तैयार करें।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रशिक्षण में जो ज्ञान और जानकारी प्राप्त हो रही है, उसका अनुपालन अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में अनिवार्य रूप से किया जाए। साथ ही उन्होंने आयोजकों को सुझाव दिया कि प्रशिक्षण के दौरान संबंधित एक्टिविटीज, वीडियो, ऑडियो और रोल प्ले जैसी विधाओं को भी शामिल किया जाए, जिससे प्रशिक्षण और अधिक प्रभावी एवं व्यवहारिक हो सके।

विशेषज्ञों ने दी विस्तृत जानकारी
प्रशिक्षण के दूसरे दिन, निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रतिभागियों को विभिन्न विधिक एवं संरक्षण से जुड़े विषयों पर गहन जानकारी दी गई। इनमें प्रमुख रूप से शामिल थे
- जुवेनाइल जस्टिस एक्ट (J J Act), 2015
- पॉक्सो एक्ट, 2012 एवं इसके नियम
- बच्चों के देखभाल, सुरक्षा और पुनर्वास से जुड़े प्रावधान
- बाल दुर्व्यवहार एवं शोषण से संबंधित विधिक एवं नैतिक पहलू
- इन विषयों में पुलिस की भूमिका
गेस्ट स्पीकरों ने सभी विषयों पर विस्तार से चर्चा की और प्रतिभागियों को व्यावहारिक उदाहरणों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया।

इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य जिला स्तर पर कार्यरत बाल संरक्षण इकाइयों को अधिक सक्षम एवं संवेदनशील बनाना है ताकि मिशन वात्सल्य योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके और बच्चों के हित में ठोस कदम उठाए जा सकें।