स्वच्छता, चेंजिंग रूम, प्रकाश व्यवस्था, डेंजर ज़ोन, पार्किंग और सुरक्षा प्रबंधन को लेकर दिए दिशा-निर्देश
गोपाल शर्मा
झारखंड/ पाकुड़।
महापर्व छठ पूजा को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में मंगलवार को उपायुक्त मनीष कुमार ने शहरी क्षेत्र स्थित विभिन्न छठ घाटों का व्यापक निरीक्षण किया। निरीक्षण का उद्देश्य व्रतियों और श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित, स्वच्छ और व्यवस्थित माहौल सुनिश्चित करना रहा।

उपायुक्त ने इस दौरान काली भसान पोखर, टीनबंगला पोखर, ठाकुरबाड़ी साधु पोखर और शीतला मंदिर पोखर पहुंचकर घाटों की साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, चेंजिंग रूम, बैरिकेडिंग, डेंजर ज़ोन चिन्हितीकरण, पार्किंग स्थल, विद्युत प्रबंधन और सुरक्षा उपायों की विस्तृत समीक्षा की।

उपायुक्त ने दिए विभागवार निर्देश
निरीक्षण के दौरान संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया कि—
- सभी घाटों पर स्वच्छता विशेष अभियान चलाकर समय पूर्व सफाई पूरी की जाए
- जलाशयों के गहरे स्थानों को ‘डेंजर जोन’ के रूप में स्पष्ट रूप से चिन्हित किया जाए
- शाम और रात के समय हेतु प्रकाश व्यवस्था 100% दुरुस्त रहे
- महिलाओं के लिए सुविधाजनक चेंजिंग रूम की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए
- पार्किंग और यातायात के लिए अलग रूट प्लान लागू किया जाए
- भीड़ नियंत्रण व सुरक्षा हेतु पर्याप्त पुलिस बल एवं मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति रहे
- घाटों पर एंबुलेंस, होमगार्ड, NDRF/डुबकी टीम की तैनाती रहे
उन्हें नगर परिषद, पुलिस, विद्युत, आपदा प्रबंधन और यातायात विभाग के अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ समयबद्ध तैयारी करने का सख्त निर्देश दिया।
उपायुक्त ने की जिलेवासियों से अपील
उपायुक्त श्री मनीष कुमार ने कहा—
“छठ पूजा आस्था, स्वच्छता और अनुशासन का पर्व है। सभी श्रद्धालु प्रशासन द्वारा किए गए सुरक्षा प्रबंधों का पालन करें, विशेषकर डेंजर ज़ोन में प्रवेश न करें और किसी भी सुरक्षा मार्किंग को न हटाएँ। पर्व को शांति, श्रद्धा और संयम के साथ मनाएँ तथा प्रशासन को सहयोग दें।”
भीड़ और सुरक्षा व्यवस्था होगी मजबूत
प्रशासन ने संकेत दिया है कि छठ व्रतियों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए—
- CCTV निगरानी,
- घोषणा प्रणाली (PA सिस्टम),
- पिकेट और पेट्रोलिंग व्यवस्था,
भी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति को समय रहते रोका
लक्ष्य — स्वच्छ, सुरक्षित और सुगम छठ महापर्व
प्रशासनिक तैयारी का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि घाट पर पहुंचने वाले हर व्रती और श्रद्धालु को स्वच्छ वातावरण, सुगम पहुंच और पूरी तरह सुरक्षित माहौल मिले।