गोपाल शर्मा
झारखंड/ साहेबगंज
साहिबगंज जिले के कुलीपाड़ा गांव में आज का दिन भावनाओं और देशभक्ति से ओत-प्रोत रहा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में पिछले वर्ष नक्सली हमले में वीरगति प्राप्त करने वाले सीआरपीएफ के शूरवीर जवान साहनवाज आलम की पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर न केवल शहीद का परिवार, बल्कि स्थानीय जनप्रतिनिधि, पुलिस अधिकारी, राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता, समाजसेवी, शहर के गणमान्य लोग और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन एवं शहरवासी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत शहीद साहनवाज आलम के फोटो पर पुष्प अर्पित कर की गई। श्रद्धांजलि देने वालों ने एक स्वर से कहा कि शहीद आलम ने अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रहते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। उनका यह बलिदान हमेशा आने वाली पीढ़ियों को देश सेवा और राष्ट्रभक्ति के लिए प्रेरित करता रहेगा। उपस्थित लोगों ने मोमबत्तियाँ जलाकर और मौन रखकर शहीद की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

इस अवसर पर शहीद की पत्नी और छोटे पुत्र के साथ उनके परिजन भी मौजूद रहे। भावुक क्षण उस समय देखने को मिले जब उपस्थित लोगों ने शहीद की वीरगाथा को याद करते हुए उनके परिवार को ढाढ़स बंधाया। कार्यक्रम में शहीद के आश्रित को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। यह सम्मान उस अमूल्य योगदान का प्रतीक है, जो शहीद आलम ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए दिया।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने अपने उद्बोधन में कहा कि सरकार और समाज को हमेशा शहीद परिवारों के साथ खड़ा रहना चाहिए। शहीदों की कुर्बानी बेकार नहीं जानी चाहिए, उनके सपनों का भारत बनाने में हर नागरिक को अपनी भूमिका निभानी होगी। पुलिस अधिकारियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि शहीद आलम जैसे जवान ही देश की सुरक्षा कवच हैं, जिनकी बदौलत देशवासी निडर होकर जीवन जी पाते हैं।

श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित युवाओं ने भी संकल्प लिया कि वे शहीदों के पदचिह्नों पर चलते हुए राष्ट्रहित के कार्यों में सदैव अग्रणी भूमिका निभाएँगे। वहीं महिलाओं और वृद्धजन ने शहीद के परिवार को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
कुलीपाड़ा गांव का वातावरण पूरे दिन देशभक्ति और भावनाओं से भरा रहा। हर कोई यही कह रहा था कि साहनवाज आलम का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उनकी शहादत को सदैव स्मरण किया जाएगा और उन्हें इतिहास के पन्नों में स्वर्णाक्षरों में अंकित किया जाएगा।