बच्चों में आत्मविश्वास, सृजनात्मकता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता दिखी
गोपाल शर्मा
झारखंड/ पाकुड़।
राष्ट्रीय पोषण माह 2025 के अवसर पर जिलेभर के आंगनबाड़ी केंद्रों में आज “सही पोषण – देश रोशन” का संदेश उत्साहपूर्वक दिया गया। जिला प्रशासन एवं महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रमों में बच्चों, अभिभावकों, आंगनबाड़ी सेविकाओं, सहायिकाओं, सखी-सहिया तथा ग्रामवासियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती एवं धात्री माताओं, किशोरियों और बच्चों के बीच संतुलित आहार एवं पोषण के महत्व को लेकर जागरूकता फैलाना था।
बच्चों ने सीखा – “संतुलित आहार से स्वस्थ शरीर”
सुबह बच्चों का स्वागत प्रार्थना और व्यायाम सत्र से किया गया। इसके बाद खेल-खेल में पोषण संबंधी गतिविधियाँ कराई गईं, जिनके माध्यम से उन्हें दाल, अंडा, दूध, फल, सब्जियाँ और हरी पत्तेदार सब्जियों को रोज़मर्रा के भोजन में शामिल करने का महत्व बताया गया।
बच्चों ने फलों और सब्जियों के नामों की पहचान कर “रंग-बिरंगा थाली” तैयार की, जिससे उन्हें पोषण के विविध स्रोतों के बारे में सहज रूप से जानकारी मिली।

शपथ और संदेश से भरा उत्साह
आंगनबाड़ी सेविकाओं, सहायिकाओं, सखी-सहिया और बच्चों ने सामूहिक रूप से “सही पोषण – देश रोशन” तथा “आदि कर्म योगी” से संबंधित शपथ ली।
साथ ही, पोलियो उन्मूलन अभियान के तहत बच्चों को “दो बूंद जीवन की” संदेश देते हुए पोलियो की खुराक भी दी गई।
उमापहाड़ी आंगनबाड़ी केंद्र का प्रेरणादायक दृश्य
उमापहाड़ी आंगनबाड़ी केंद्र पर एक नन्हे बच्चे ने पूरे आत्मविश्वास के साथ A से Z तक अंग्रेजी वर्णमाला सुनाकर सभी का मन मोह लिया। इसके बाद उसने “मछली जल की रानी है…” कविता का सुंदर पाठ किया।
यह दृश्य इस बात का प्रमाण था कि उपायुक्त श्री मनीष कुमार के मार्गदर्शन में बच्चों में आत्मविश्वास, सृजनात्मकता और सकारात्मक सोच विकसित करने की दिशा में चल रही पहलें धरातल पर सफल साबित हो रही हैं।
जनभागीदारी बनी कार्यक्रम की ताकत
जिले के सभी प्रखंडों के आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित इन गतिविधियों में आंगनबाड़ी सेविकाएँ, सहायिकाएँ, सखी-सहिया, माताएँ एवं ग्रामवासी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने एकस्वर में कहा कि “स्वस्थ बच्चे ही देश का भविष्य हैं” और पोषण माह को सार्थक बनाने का संकल्प दोहराया।
राष्ट्रीय पोषण माह 2025 के अवसर पर पाकुड़ में “सही पोषण – देश रोशन” का संदेश गूंजा
बच्चों में आत्मविश्वास, सृजनात्मकता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता दिखी