गोपाल शर्मा
झारखंड/ साहिबगंज
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, रांची के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, साहेबगंज द्वारा व्यवहार न्यायालय परिसर में इस वर्ष की तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का भव्य और सफल आयोजन किया गया।
इस अवसर पर झारखण्ड राज्य के सभी जिलों में आयोजित लोक अदालत का ऑनलाइन उद्घाटन माननीय न्यायमूर्ति श्री तरलोक सिंह चौहान, मुख्य न्यायाधीश, झारखण्ड हाई कोर्ट सह मुख्य संरक्षक, झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा किया गया। उद्घाटन समारोह में माननीय न्यायमूर्ति श्री सुजीत नारायण प्रसाद, जज, झारखण्ड हाई कोर्ट सह कार्यकारी अध्यक्ष, झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार सहित अन्य न्यायाधीशगण की गरिमामयी उपस्थिति रही। उद्घाटन कार्यक्रम का सीधा प्रसारण साहेबगंज व्यवहार न्यायालय स्थित लोक अदालत कक्ष में किया गया, जहाँ उपस्थित लोगों ने इसे देखा।

न्यायाधीशों ने किया बेंचों का निरीक्षण
उद्घाटन के उपरांत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, साहेबगंज श्री अखिल कुमार ने गठित बेंचों का भ्रमण किया। उन्होंने कहा कि लोक अदालत लम्बे समय से लंबित मामलों के समाधान का एक प्रभावी और त्वरित माध्यम है। यह एक दिवसीय अदालत है, जहाँ आपसी समझौते से मामलों का शीघ्र निपटारा संभव होता है। उन्होंने पक्षकारों से अधिक से अधिक संख्या में लोक अदालत का लाभ उठाने की अपील की तथा विभागीय पदाधिकारियों को अधिकतम सहयोग करने का आह्वान किया।
बड़ी संख्या में रहे लोग मौजूद
इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश, कुटुंब न्यायालय श्री संजय कुमार उपाध्याय, जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रथम श्री रजनी कान्त पाठक, जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तृतीय श्री शेखर कुमार, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री सिंधु नाथ लामाये, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव श्री विश्वनाथ भगत, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री प्रेम नाथ तिवारी, लोक अभियोजक व उनकी टीम, अधिवक्तागण, विभिन्न विभागों के पदाधिकारी, बैंक कर्मी, पारा विधिक स्वयंसेवक तथा बड़ी संख्या में वादकारीगण उपस्थित रहे।
7845 मामलों का निपटारा, करोड़ों की राशि प्राप्त
साहेबगंज न्यायमंडल एवं राजमहल अनुमंडलीय न्यायमंडल में आयोजित इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 7845 मामलों का निपटारा किया गया। इस दौरान पक्षकारों के बीच आपसी सहमति से ₹30,80,93,653/- (तीस करोड़ अस्सी लाख तिरानबे हजार छह सौ तिरपन) की समझौता राशि प्राप्त हुई।
सस्ता और सुलभ न्याय की दिशा में पहल
लोक अदालत के इस आयोजन को जनसाधारण को शीघ्र, सस्ता एवं सुलभ न्याय उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। बड़ी संख्या में मामलों का समाधान और भारी-भरकम समझौता राशि प्राप्त होना इस बात का प्रमाण है कि लोक अदालत न्याय प्रणाली में आम जनता के विश्वास को और सुदृढ़ करने में सफल रही है।