गोपाल शर्मा
झारखंड/ साहिबगंज
साहिबगंज जिले के राजमहल अनुमंडलीय अस्पताल में शनिवार को वूमेन डॉक्टर्स विंग (आईएमए झारखंड), जिला प्रशासन साहिबगंज एवं जिला स्वास्थ्य समिति के संयुक्त तत्वावधान में मेगा महिला स्वास्थ्य शिविर एवं दृष्टि सुरक्षा अभियान का सफल आयोजन किया गया।

इस अवसर पर उपायुक्त श्री हेमंत सती ने शिविर का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में राजमहल विधानसभा के माननीय विधायक श्री मो. ताजउद्दीन (एम.टी. राजा), पुलिस अधीक्षक श्री अमित कुमार सिंह, सिविल सर्जन डॉ. रामदेव पासवान एवं वूमेन डॉक्टर्स विंग (आईएमए झारखंड) की अध्यक्षा डॉ. भारती कश्यप समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

शिविर में बड़ी संख्या में मरीजों ने हिस्सा लिया
महिला स्वास्थ्य शिविर में कुल 136 महिलाओं की जाँच की गई। इनमें से 8 महिलाओं का क्रायो उपचार किया गया, 20 मरीजों को दवा उपलब्ध कराई गई तथा 2 मरीजों को बायोप्सी के लिए परामर्श दिया गया। इसके अलावा 6 महिलाओं में सर्वाइकल पोलिप एवं 2 महिलाओं में यूटेरिन प्रोलैप्स की पहचान हुई।
विज़न फॉर झारखंड शिविर में 258 लोगों की आँखों की जाँच की गई। इनमें 65 मरीज मोतियाबिंद, 1 कॉर्नियल ब्लाइंडनेस, 5 ट्रेजीयम और 2 ऐल्बिनिज़म के मरीज पाए गए। सभी चयनित मरीजों का निःशुल्क ऑपरेशन रांची स्थित कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल में किया जाएगा। दोनों शिविरों को मिलाकर 1700 से अधिक मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
“यह शिविर हमारे जिले के ग्रामीण एवं जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले वंचित समुदायों के लिए वरदान है। स्वास्थ्य सेवा केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। वूमेन डॉक्टर्स विंग और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से यह साबित हुआ है कि हम दूर-दराज के इलाकों तक भी उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचा सकते हैं।” :- उपायुक्त श्री हेमंत सती

“इस तरह के शिविर से गरीब और वंचित लोगों को अत्यधिक लाभ मिलता है। वूमेन डॉक्टर्स विंग और जिला प्रशासन का यह प्रयास सराहनीय है। भविष्य में भी ऐसे शिविर लगातार आयोजित हों ताकि कोई भी नागरिक स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित न रहे।” :- विधायक मो. ताजउद्दीन (एम.टी. राजा)

आईएमए वूमेन डॉक्टर्स विंग की भूमिका
डॉ. भारती कश्यप ने बताया कि वूमेन डॉक्टर्स विंग पिछले 12 वर्षों से झारखंड के दूरस्थ और आदिवासी बहुल क्षेत्रों में लगातार स्वास्थ्य अभियान चला रही है।
“हमारी प्राथमिकता उन वंचित लोगों तक पहुँचना है, जिनके लिए स्वास्थ्य सेवाएँ अभी भी दूर की बात हैं। दृष्टि सुरक्षा अभियान के तहत अब तक 20 लाख से अधिक बच्चों की आँखों की जाँच की जा चुकी है। जरूरतमंद बच्चों को चश्मा एवं ऑपरेशन उपलब्ध कराकर उन्हें पुनः स्कूल भेजा गया है। आज के शिविर में भी मोतियाबिंद, कॉर्निया की खराबी और रेटिना की समस्या वाले मरीजों की पहचान कर उन्हें निःशुल्क इलाज हेतु रांची भेजा जाएगा।”
सिविल सर्जन डॉ. रामदेव पासवान ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन ग्रामीण और जनजातीय इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण प्रयास है।

शिविर में मरीजों के लिए आयुष्मान भारत कार्ड बनाने की सुविधा भी दी गई, ताकि वे भविष्य में भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें।
इस आयोजन ने साबित कर दिया कि सरकारी और निजी संस्थाओं के संयुक्त प्रयास से समाज के हर वर्ग तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाई जा सकती हैं। राजमहल के इस शिविर ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक नया आयाम जोड़ा है और आने वाले समय में इस मॉडल को अन्य जिलों में भी लागू करने की दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं।