डोमिसाइल शहीद स्मारक समिति डिबाडीह रांची के तत्वाधान में शहादत दिवस एवं श्रद्धांजलि सभा का आयोजन त्रिमूर्ति चौक मेंकोन कॉलोनी डोरंडा रांची में किया गया । 15 नवंबर 2000 को झारखंड अलग राज्य बनने के बाद यहां के आदिवासी मूलवासियो को लगा की हमारा राज्य का निर्माण हो गया है अब हमारा राज्य चलेगा अबुआ ढिशुम अबुआ राज लेकिन यहां के झारखंडी आदिवासी मूलवासी जनता को जल्दी ही समझ में आ गया की इस राज्य में हम लोगों के लिए हक हकुक अधिकार अस्तित्व यहां की नौकरियों में हिस्सेदारी के लिए हमें फिर से संघर्ष करने की जरूरत है इन्हीं बातों को लेकर 24 जुलाई 2002 ई को डोमिसाइल स्थानीयता के लिए संघर्ष शुरू हुआ इस संघर्ष में पूरी झारखंडी जनता सड़कों पर उतर आई जिसमें सरकार को यह बता दिया की 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति बनानी होगी जिसे यहां की आदिवासी मूलवासी जनता को उनकी हिस्सेदारी हर एक क्षेत्र में नौकरियों में व्यवसाय में बरकरार रहे। इस संघर्ष के दौरान डीवीडी के क्रांतिकारी साथी कैलाश कुजूर विनय तिग्गा संतोष कुंकल को असामाजिक तत्वों के द्वारा मेकोन कॉलोनी में गोली मारकर हत्या कर दिया गया। इन तीनों साथियों ने अपने इस स्थानीयता के आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति दी है इसे झारखंडी जनता हमेशा याद रखेगी और आंदोलन जारी रहेगी जब तक 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति की घोषणा नहीं हो जाती सरकार से हम मांग करते हैं स्थानीय नीति अभिलंब लागू करें । आज के इस कार्यक्रम में मुखिया वक्ता श्री बंधु तिर्की ,रतन तिर्की, राजू महतो ,बेलस् तिर्की, शिवा कच्छप , बिजय शंकर नायक, संजय कुजूर, सविता कुजूर, राजेश कुजूर,अजय तिर्की इसके साथ है शाहिद कैलाश कुजूर के पिता सोमनाथ कुजूर एवं विनय तिग्गा की माता लॉलेन तिग्गा मौजूद थे । इस कार्यक्रम का मंच संचालन श्री संजय कच्छप ने किया। खबर ताशफीन मुर्तजा की सीनियर रिपोर्टर करंट खबर न्यूज चैनल रांची जोन
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डोमिसाइल शहीद स्मारक समिति डिबाडीह रांची के तत्वाधान में शहादत दिवस एवं श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
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